डूंंगरपुर. जिले में पिछले 10 महीने से रोजी-रोटी के लिए परेशान सरकारी स्कूलों के कुक (helper) को बकाया मानदेय मिलने की राह खुली है. राज्य सरकार ने इसके लिए करीब एक करोड़ रुपए की राशि जारी कर राहत दी है लेकिन यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.
डूंगरपुर की सरकारी स्कूलों में मार्च महीने से पोषाहार पकाने वाले और उनके सहायक कुक कम हेल्पर्स को मानदेय लंबे अर्से से नहीं मिल पा रहा है. इसी बीच मार्च महीने से ही जिले के 3733 कुक कम हेल्पर्स को 1320 रुपए मासिक के हिसाब से 10 माह का करीब 5 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है. लंबे समय से भुगतान नहीं होने के कारण अल्प मानदेय भोगियों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. कोविड-19 काल के कारण उन्हें स्कूल से तो छुट्टी मिल गई लेकिन इस बात को लेकर असमंजस ही था कि उन्हें पिछले 10 माह का मानदेय मिलेगा या नहीं. अब राज्य सरकार ने करीब एक करोड़ रुपए की रकम जारी की है.
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वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के पास डेढ़ करोड़ रुपए पहले से इस मद के खाते में रिजर्व पड़े थे. कुल मिलाकर अब स्थानीय शिक्षा विभाग के पास कुक कम हेल्पर्स को भुगतान के लिए करीब ढाई करोड़ रुपए जमा हो गए है. राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि गर्मी की छुट्टियों को छोड़कर शेष 10 महीने का भुगतान शिक्षा विभाग कर सकता है. जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धनलाल यादव ने बताया कि कुक को भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और शेष राशि करीब ढाई करोड़ रुपए पाइपलाइन में होने से जल्द ही बकाया भुगतान हो जाएगा.