डूंगरपुर. जिले में पिछले साल अतिवृष्टि से टूटी सड़कों और पुलियों की मरम्मत करने वाले ठेकेदारों का 10 करोड़ से अधिक का भुगतान लॉकडाउन लग जाने से अटक गया है. अब ठेकेदार भुगतान के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहें हैं. ठेकेदार संघ के सचिव घनश्याम गुप्ता और अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल सहित अन्य ठेकेदारों ने भुगतान की मांग को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की.
सचिव घनश्याम गुप्ता ने बताया कि टेंडर होने के बाद जिले के डूंगरपुर, सागवाड़ा और सीमलवाड़ा खंड में ठेकेदारों ने मिलकर अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलियों की मरम्मत करते हुए फरवरी माह के अंत तक बिल सार्वजनिक निर्माण विभाग में प्रस्तुत कर दिए थे. लेकिन विभाग ने समय पर बिलो के भुगतान की कार्रवाई पूरी नहीं की. वहीं 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त होने के साथ ही इनका बजट लेप्स हो गया. ऐसे में विभागीय लापरवाही के कारण जिले के 36 ठेकेदारों के 10 करोड़ 67 लाख रुपये के बिल अटक गए है.
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गुप्ता ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में छोटे-छोटे ठेकेदार है. बिलों का भुगतान नहीं होने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ठेकेदारों ने जिला कलेक्टर कानाराम से मिलकर अपनी पीड़ा सुनाई और सरकार से शीघ्र बजट मंगवाकर ठेकेदारों को भुगतान करवाने की मांग की है.