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मरीज स्ट्रेचर पर तड़पता रहा, डॉक्टरों ने नहीं बनाई मेडिकल रिपोर्ट, परिजनों ने अब कलेक्टर से लगाई गुहार

डूंगरपुर में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीज के परिजनों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है. मगर अस्पताल को इससे कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा. परेशान परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर सीधे कलेक्ट्रेट जा पहुंचे और एसपी तथा कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाई. जिस पर जिला कलेक्टर ने कलेक्टर पीएमओ को उचित कार्वाई के निर्देश दिए.

डूंगरपुर में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, carelessness of hospital authority in dungarpur
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Published : Oct 19, 2019, 1:16 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:08 PM IST

डूंगरपुर. सागवाड़ा थाना क्षेत्र के ज्ञानपुर गांव निवासी 38 वर्षीय डायालाल पाटीदार डेढ़ महीने पहले सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. हादसे में डायालाल को गंभीर चोटें आई थी. जिसके बाद उन्हें भासोर गांव की पीएचसी में ले जाया गया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे सागवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया.

डूंगरपुर में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही आई सामने

इस दौरान डायालाल कोमा में चला गया. जिसके बाद परिजन डायालाल को लेकर उदयपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचे. जहां 15 दिन तक उसका इलाज चला. उदयपुर से डिस्चार्ज होने के बाद परिजन डायालाल को लेकर अपने गांव ज्ञानपुर पहुंचे. इस बीच सागवाड़ा थाना पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए पीड़ित के परिजनों से चोट प्रतिवेदन मांगा. चोट प्रतिवेदन लेने भासोर के सरकारी अस्पताल पहुंचे परिजनों को डॉक्टर ने जिला अस्पताल जाने को कहा. जिस पर परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर जिला अस्पताल पहुंचे.

पढ़ें- डूंगरपुर नगरपरिषद की नई पहल, पक्षियों के लिए बनवा रही 6 मंजिला 'आशियाना'

यहां पर मेडिकल ज्यूरिस्ट सहित अन्य डॉक्टरों ने परिजनों को दिनभर यहां-वहां भटकने को मजबूर किया. इसके बावजूद चोट प्रतिवेदन नहीं दिया. शाम तक भी चोट प्रतिवेदन नहीं मिलने पर परेशान परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां एसपी तथा कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाई. जिस पर जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने फोन पर पीड़ित को शीघ्र राहत दिलाने के लिए पीएमओ को निर्देश दिए.

डूंगरपुर. सागवाड़ा थाना क्षेत्र के ज्ञानपुर गांव निवासी 38 वर्षीय डायालाल पाटीदार डेढ़ महीने पहले सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. हादसे में डायालाल को गंभीर चोटें आई थी. जिसके बाद उन्हें भासोर गांव की पीएचसी में ले जाया गया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे सागवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया.

डूंगरपुर में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही आई सामने

इस दौरान डायालाल कोमा में चला गया. जिसके बाद परिजन डायालाल को लेकर उदयपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचे. जहां 15 दिन तक उसका इलाज चला. उदयपुर से डिस्चार्ज होने के बाद परिजन डायालाल को लेकर अपने गांव ज्ञानपुर पहुंचे. इस बीच सागवाड़ा थाना पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए पीड़ित के परिजनों से चोट प्रतिवेदन मांगा. चोट प्रतिवेदन लेने भासोर के सरकारी अस्पताल पहुंचे परिजनों को डॉक्टर ने जिला अस्पताल जाने को कहा. जिस पर परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर जिला अस्पताल पहुंचे.

पढ़ें- डूंगरपुर नगरपरिषद की नई पहल, पक्षियों के लिए बनवा रही 6 मंजिला 'आशियाना'

यहां पर मेडिकल ज्यूरिस्ट सहित अन्य डॉक्टरों ने परिजनों को दिनभर यहां-वहां भटकने को मजबूर किया. इसके बावजूद चोट प्रतिवेदन नहीं दिया. शाम तक भी चोट प्रतिवेदन नहीं मिलने पर परेशान परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां एसपी तथा कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाई. जिस पर जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने फोन पर पीड़ित को शीघ्र राहत दिलाने के लिए पीएमओ को निर्देश दिए.

Intro:डूंगरपुर। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर किस हद तक बेरहम हो सकते हैं इसकी एक बानगी आज डूंगरपुर जिले में देखने को मिली। हादसे के बाद कोमा में पहुंचे मरीज का चोट प्रतिवेदन के लिए परिजन मरीज को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इसके बावजूद काम नहीं होने से परेशान परिजन मरीज को एंबुलेंस में लेकर आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और जिला कलेक्टर व एसपी को अपनी पीड़ा सुनाई।Body:सागवाड़ा थाना क्षेत्र के ज्ञानपुर गांव निवासी 38 वर्षीय डायालाल पाटीदार का डेढ़ महीने पहले एक्सीडेंट हो गया था। हादसे में डायालाल को गंभीर चोटें आई थी जिसके बाद सबसे पहले उन्हें भासोर गांव की पीएचसी में ले गए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे सागवाड़ा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान डायालाल कोमा में चला गया इसके बाद परिजन डायालाल को लेकर उदयपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां 15 दिन तक उसका इलाज चला। उदयपुर से डिस्चार्ज होने के बाद परिजन डायालाल को लेकर अपने गांव ज्ञानपुर पहुंचे।
इस बीच सागवाड़ा थाना पुलिस ने पुलिस कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए पीड़ित के परिजनों से चोट प्रतिवेदन मांगा। चोट प्रतिवेदन लेने भासोर के सरकारी अस्पताल पहुंचे परिजनों को डॉक्टर ने जिला अस्पताल जाने को कहा, जिस पर परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां पर मेडिकल ज्यूरिस्ट सहित अन्य डॉक्टरों ने परिजनों को दिनभर इधर- उधर घुमाया और शाम तक भी चोट प्रतिवेदन नहीं दिया। परेशान परिजन मरीज को एंबुलेंस में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और एसपी तथा कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाई। इधर, जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने फोन पर पीएमओ को निर्देश देते हुए पीड़ित को शीघ्र राहत देने के निर्देश दिए है।

बाईट- हेंगजी पाटीदार, परिजनConclusion:
Last Updated : Oct 19, 2019, 11:08 PM IST
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