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World blood donor day 2020 : डूंगरपुर जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 यूनिट ब्लड एकत्रित

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Published : Jun 14, 2020, 6:21 PM IST

World blood donor day के मौके पर प्रदेश में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. इसी बीच डूंगरपुर जिला अस्पताल में भी रविवार को रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ. जिसमें 50 के करीब लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी पालना की गई.

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रक्तदान शिविर का आयोजन

डूंगरपुर. World blood donor day हर साल 14 जून को मनाया जाता है. इसी के चलते रविवार को डूंगरपुर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस अवसर पर रक्तदाताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. इस दौरान कोरोना से बचाव को लेकर नियमों की भी पालना की गई.

रक्तदान शिविर में जैन नवयुवक मंडल, लॉयन क्लब, रॉयल ग्रुप सहित अन्य संस्थाओं के सदस्यों ने भी रक्तदान किया. ब्लड बैंक के प्रवक्ता पदमेश गांधी ने बताया कि विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर आयोजित रक्तदान शिविर को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया. शिविर में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाकर कोरोना बचाव के नियमों का पालन किया गया. उन्होंने बताया कि 50 से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया. इस दौरान 50 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया.

रक्तदान शिविर का आयोजन

इधर, नगर परिषद के सभापति केके गुप्ता ने भी शिविर में रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया. साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया. इस मौके पर सभापति केके गुप्ता ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा पुण्य का काम है, क्योंकि रक्तदान के माध्यम से किसी का जीवन बचाया जा सकता है.

गुप्ता ने आमजन से आह्वान किया कि वे हर साल में कम से कम दो बार रक्तदान अवश्य करें, जिससे किसी जरूरतमंद को खून दिया जा सके. उन्होंने बताया कि रक्तदान से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता है कि रक्तदान के बाद शरीर में कमजोरी आ जाती है, ऐसा नहीं है. रक्तदान के 21 दिन बाद ब्लड दोबारा बन जाता है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें : SPECIAL: तेल के दामों में जबरदस्त उछाल, अन्य राज्यों की सीमा से सटे प्रदेश के पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर

गौरतलब है कि भारत में हर साल दुर्घटना में घायल बहुत से लोगों की मौत ब्लड नहीं मिलने से हो जाती है. जिसका एक कारण यह भी है कि लोग रक्तदान के प्रति जागरूक नहीं है. ऐसे में सरकार को रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए, ताकि देश में ऐसी मौतों पर रोक लगाई जा सके.

डूंगरपुर. World blood donor day हर साल 14 जून को मनाया जाता है. इसी के चलते रविवार को डूंगरपुर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इस अवसर पर रक्तदाताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. इस दौरान कोरोना से बचाव को लेकर नियमों की भी पालना की गई.

रक्तदान शिविर में जैन नवयुवक मंडल, लॉयन क्लब, रॉयल ग्रुप सहित अन्य संस्थाओं के सदस्यों ने भी रक्तदान किया. ब्लड बैंक के प्रवक्ता पदमेश गांधी ने बताया कि विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर आयोजित रक्तदान शिविर को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया. शिविर में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाकर कोरोना बचाव के नियमों का पालन किया गया. उन्होंने बताया कि 50 से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया. इस दौरान 50 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया.

रक्तदान शिविर का आयोजन

इधर, नगर परिषद के सभापति केके गुप्ता ने भी शिविर में रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया. साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया. इस मौके पर सभापति केके गुप्ता ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा पुण्य का काम है, क्योंकि रक्तदान के माध्यम से किसी का जीवन बचाया जा सकता है.

गुप्ता ने आमजन से आह्वान किया कि वे हर साल में कम से कम दो बार रक्तदान अवश्य करें, जिससे किसी जरूरतमंद को खून दिया जा सके. उन्होंने बताया कि रक्तदान से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता है कि रक्तदान के बाद शरीर में कमजोरी आ जाती है, ऐसा नहीं है. रक्तदान के 21 दिन बाद ब्लड दोबारा बन जाता है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.

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गौरतलब है कि भारत में हर साल दुर्घटना में घायल बहुत से लोगों की मौत ब्लड नहीं मिलने से हो जाती है. जिसका एक कारण यह भी है कि लोग रक्तदान के प्रति जागरूक नहीं है. ऐसे में सरकार को रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए, ताकि देश में ऐसी मौतों पर रोक लगाई जा सके.

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