ETV Bharat / state

Dungarpur: गरीबों के राशन डकारने वाले 2 लाख लोगों के नाम NFSA लिस्ट से बाहर, सरकारी कर्मचारी भी थे शामिल

डूंगरपुर में फर्जी तरीके से राशन ले रहे लाखों के नाम हटा दिए गए हैं. रसद (Action against ration card fraud in dungarpur) विभाग ने अभियान चलाते हुए 2 लाख के नाम एनएफएसए की सूची से बाहर कर दिए हैं. अभी भी अभियान जारी है.

Ration Card Fraud in Dungarpur
Ration Card Fraud in Dungarpur
author img

By

Published : Apr 21, 2022, 8:16 AM IST

डूंगरपुर. जिले में चल रहे लाखों फर्जी राशन कार्ड और अपात्र लोगों के राशन लेने के मामले में अब रसद विभाग ज्यादा सख्त दिखाई दे रहा है. विभाग ने दो बार अभियान चलाते हुए जिले भर में 1 लाख 99 हजार 426 लोगों के नाम एनएफएसए की सूची से बाहर कर दिए हैं. विभाग की ओर से ये अभियान अभी भी जारी है और आने वाले समय में कई और पात्रों के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया जमीनी स्तर पर तेज कर दी गई है. जिले भर में लोगों का समय-समय पर कामकाज और अन्य सिलसिले को लेकर पलायन होता रहता है. ऐसे में उनके नाम से फर्जी तरीके से राशन स्थानीय परिवार उठाते हैं जबकि लाभार्थी को इसका फायदा नहीं मिलता.

इसी तरह कई लड़कियों की शादी बाहरी जिले में होने के बाद भी उनके नाम अपने (Ration Card Fraud in Dungarpur) पीहर में ही राशन कार्ड के साथ जुड़े रहते हैं और पीहर पक्ष राशन उठाते रहते हैं. कई बार देखने में ये भी आया है कि सरकारी कर्मचारी के भी नाम राशन कार्ड में होने से उनके परिवार गलत तरीके से राशन उठा रहे थे. वहीं कई दिवंगत लोगों के नाम भी लंबे समय से राशन कार्ड में दर्ज होने से उनके खाते का राशन भी परिवार उठा रहे हैं. इन तमाम प्रकरणों के अलावा कई परिवार ऐसे हैं जिनके दोहरे और तिहरे राशन कार्ड भी बने हुए हैं. इन सभी श्रेणियों को अपात्र मानते हुए राशन सप्लाई रोकने के लिए रसद विभाग ने दो चरणों में अभियान चलाया है.

फर्जी तरीके से राशन ले रहे लोगों के खिलाफ रसद विभाग सख्त

पहले चरण में 01 जुलाई 2020 से 30 अक्टूबर 2020 के बीच अलग-अलग श्रेणियों के कुल 54 हजार 66 लाभार्थियों के नाम डिलीट किए गए थे. अब एक बार फिर अभियान चलाया गया है. इस दूसरे चरण की शुरुआत 1 नवंबर 2020 से हुई थी जो अब भी जारी है. इस दूसरे चरण में अब तक 1 लाख 360 हजार लाभार्थियों के नाम डिलीट किए गए हैं. ऐसे में अब दोनों अभियान को मिलाकर कुल एक लाख 99 हजार 426 लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा के लाभ से बाहर कर दिया गया है. वहीं देखने में आया है कि इस पूरी प्रक्रिया में अवैध रूप से लाभ लेने की बड़ी वजह कई परिवारों के दोहरे और तीरे राशन कार्ड भी थे. ऐसे में जांच के बाद 7702 राशन कार्ड भी डिलीट किए गए हैं.

पढ़ें-Ration Dealers Protest: अजमेर में राशन डीलर्स ने निकाली रैली, 10 सुत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

आइए देखते हैं किस श्रेणी में कितने अपात्र हटाए गए

  1. मृत्यु - 55 हजार 286
  2. विवाह - 50 हजार 949
  3. स्थाई रूप से पलायन - 35 हजार 910
  4. दोहरे राशन कार्ड में नाम - 41 हजार 712
  5. स्पष्ट अपात्र या राज्यकर्मी - 15 हजार 567

बहरहाल, राज्य सरकार ने नए नाम जोड़ने का भी ऐलान हालिया राज्य बजट में किया है लेकिन सालों से गलत तरीके से गरीब और जरूरतमंद परिवार का अनाज डकारने वाले इन अपात्र लोगो को हटा कर रसद विभाग ने उदाहरण पेश किया है. वहीं आगे भी ये अभियान जारी रहेगा जिससे जरूरतमंद भूखा नहीं सोए और सरकार पर आ रहा करोड़ो रुपए का फिजूल का आर्थिक भार भी रुके.

डूंगरपुर. जिले में चल रहे लाखों फर्जी राशन कार्ड और अपात्र लोगों के राशन लेने के मामले में अब रसद विभाग ज्यादा सख्त दिखाई दे रहा है. विभाग ने दो बार अभियान चलाते हुए जिले भर में 1 लाख 99 हजार 426 लोगों के नाम एनएफएसए की सूची से बाहर कर दिए हैं. विभाग की ओर से ये अभियान अभी भी जारी है और आने वाले समय में कई और पात्रों के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया जमीनी स्तर पर तेज कर दी गई है. जिले भर में लोगों का समय-समय पर कामकाज और अन्य सिलसिले को लेकर पलायन होता रहता है. ऐसे में उनके नाम से फर्जी तरीके से राशन स्थानीय परिवार उठाते हैं जबकि लाभार्थी को इसका फायदा नहीं मिलता.

इसी तरह कई लड़कियों की शादी बाहरी जिले में होने के बाद भी उनके नाम अपने (Ration Card Fraud in Dungarpur) पीहर में ही राशन कार्ड के साथ जुड़े रहते हैं और पीहर पक्ष राशन उठाते रहते हैं. कई बार देखने में ये भी आया है कि सरकारी कर्मचारी के भी नाम राशन कार्ड में होने से उनके परिवार गलत तरीके से राशन उठा रहे थे. वहीं कई दिवंगत लोगों के नाम भी लंबे समय से राशन कार्ड में दर्ज होने से उनके खाते का राशन भी परिवार उठा रहे हैं. इन तमाम प्रकरणों के अलावा कई परिवार ऐसे हैं जिनके दोहरे और तिहरे राशन कार्ड भी बने हुए हैं. इन सभी श्रेणियों को अपात्र मानते हुए राशन सप्लाई रोकने के लिए रसद विभाग ने दो चरणों में अभियान चलाया है.

फर्जी तरीके से राशन ले रहे लोगों के खिलाफ रसद विभाग सख्त

पहले चरण में 01 जुलाई 2020 से 30 अक्टूबर 2020 के बीच अलग-अलग श्रेणियों के कुल 54 हजार 66 लाभार्थियों के नाम डिलीट किए गए थे. अब एक बार फिर अभियान चलाया गया है. इस दूसरे चरण की शुरुआत 1 नवंबर 2020 से हुई थी जो अब भी जारी है. इस दूसरे चरण में अब तक 1 लाख 360 हजार लाभार्थियों के नाम डिलीट किए गए हैं. ऐसे में अब दोनों अभियान को मिलाकर कुल एक लाख 99 हजार 426 लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा के लाभ से बाहर कर दिया गया है. वहीं देखने में आया है कि इस पूरी प्रक्रिया में अवैध रूप से लाभ लेने की बड़ी वजह कई परिवारों के दोहरे और तीरे राशन कार्ड भी थे. ऐसे में जांच के बाद 7702 राशन कार्ड भी डिलीट किए गए हैं.

पढ़ें-Ration Dealers Protest: अजमेर में राशन डीलर्स ने निकाली रैली, 10 सुत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

आइए देखते हैं किस श्रेणी में कितने अपात्र हटाए गए

  1. मृत्यु - 55 हजार 286
  2. विवाह - 50 हजार 949
  3. स्थाई रूप से पलायन - 35 हजार 910
  4. दोहरे राशन कार्ड में नाम - 41 हजार 712
  5. स्पष्ट अपात्र या राज्यकर्मी - 15 हजार 567

बहरहाल, राज्य सरकार ने नए नाम जोड़ने का भी ऐलान हालिया राज्य बजट में किया है लेकिन सालों से गलत तरीके से गरीब और जरूरतमंद परिवार का अनाज डकारने वाले इन अपात्र लोगो को हटा कर रसद विभाग ने उदाहरण पेश किया है. वहीं आगे भी ये अभियान जारी रहेगा जिससे जरूरतमंद भूखा नहीं सोए और सरकार पर आ रहा करोड़ो रुपए का फिजूल का आर्थिक भार भी रुके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.