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धौलपुर में मध्य प्रदेश सीमा पर फंसे मजदूर बेहाल, सैकड़ों मजदूरों को राजस्थान सीमा में प्रवेश से रोका

कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉक डाउन लगाया है. जिसके कारण गरीब मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, धौलपुर से लगी मध्य प्रदेश सीमा और उत्तर प्रदेश सीमा को प्रशासन ने सील कर दिया है. कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि पलायन करने पर रोक लगा दी गई है और मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है.

धौलपुर की खबर, COVID 19 NEWS
धौलपुर में एमपी बार्डर पर मजदूरों को रोका गया
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Published : Mar 31, 2020, 2:30 PM IST

धौलपुर. रईस लोगों की ओर से विदेश से लाई गई वैश्विक महामारी कोरोना का खामियाजा मजदूर और गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हवाई जहाज से चलकर आई बीमारी देश के पैदल चलने वाले लोगों पर भारी पड़ रही है. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए लॉक डाउन की पालना में जिला प्रशासन ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है. वाहनों के साथ पैदल आने वाले लोगों के आवागमन पर भी प्रशासन ने पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.

धौलपुर में एमपी बार्डर पर मजदूरों को रोका गया

बता दें कि जिले की दो सीमाएं आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ती है. मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की और उत्तर प्रदेश की आगरा जिले की सीमा पूरी तरह से बंद है. सैकड़ों दूर से पैदल चल कर आ रहे मजदूर जिनमें महिला पुरुष और बच्चे सीमा बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. मजदूर बेबसी और लाचारी में घर और घाट कहीं के भी नहीं रहे. हर तरफ से इन मजदूरों को सरकार और शासन की दुत्कार मिल रही है.

धौलपुर जिले की मध्य प्रदेश सीमा पर फंसे मजदूरों का यही हाल बयां कर रहा है. भूखे प्यासे मजदूर परिवार के साथ सिस्टम की तरफ आस लगाए बैठे हैं. आखिर कब इनकों घर की दहलीज नसीब होगी. या इसी तरह से सड़कों पर शासन और प्रशासन की ठोकर और दुत्कार खाते रहेंगे.

वहीं, सागरपारा चेक पोस्ट के पास सैकड़ों की तादाद में मजदूरों के जत्थे को कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में रोक दिया गया. लॉक डाउन की पालना के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े हैं.

कलेक्टर ने बताया राजस्थान के विभिन्न जिलों से इन मजदूरों का जत्था बरेठा और सागर पड़ा सीमा पर पहुंचा है. सरकार के आदेशों की पालना में सख्त कदम उठाए जा रहे है. हालांकि कलेक्टर ने बताया कि इन मजदूरों को सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी. मजदूरों के खाने की व्यवस्था भी की जा रही है.

पढ़ें- धौलपुर से सटे UP के सैया बॉर्डर पर पहुंचा करीब 10 हजार मजदूरों का जत्था, प्रशासन ने सीमा में घुसने से रोका

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारियों से भी लगातार वार्ता की जा रही है. मजदूरों के लिए खाने-पीने की पूरी तरह से व्यवस्था की गई है. शहर के भामाशाह इस संकट की घड़ी में आकर सहयोग कर रहे हैं. उसके अलावा जिले के करीब 2 हजार परिवारों को चिन्हित किया गया है. जिन्हें शासन की तरफ से राशन और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जाएंगे. वालंटियर टीम का भी गठन किया जा रहा है. टीम की ओर से जरूरतमंद लोगों को हर स्थिति में सहयोग दिया जाएगा.

कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण वैश्विक महामारी से बचाव ही उपचार है. सरकार की ओर से जारी किया गया लॉक डाउन का असर लंबा रहेगा. लॉक डाउन की पालना के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और लोगों से भी अपील की जा रही है कि लॉक डाउन की पालना सुनिश्चित करें और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरों में बंद रहना ही सुनिश्चित करें.

धौलपुर. रईस लोगों की ओर से विदेश से लाई गई वैश्विक महामारी कोरोना का खामियाजा मजदूर और गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हवाई जहाज से चलकर आई बीमारी देश के पैदल चलने वाले लोगों पर भारी पड़ रही है. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए लॉक डाउन की पालना में जिला प्रशासन ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है. वाहनों के साथ पैदल आने वाले लोगों के आवागमन पर भी प्रशासन ने पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.

धौलपुर में एमपी बार्डर पर मजदूरों को रोका गया

बता दें कि जिले की दो सीमाएं आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ती है. मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की और उत्तर प्रदेश की आगरा जिले की सीमा पूरी तरह से बंद है. सैकड़ों दूर से पैदल चल कर आ रहे मजदूर जिनमें महिला पुरुष और बच्चे सीमा बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. मजदूर बेबसी और लाचारी में घर और घाट कहीं के भी नहीं रहे. हर तरफ से इन मजदूरों को सरकार और शासन की दुत्कार मिल रही है.

धौलपुर जिले की मध्य प्रदेश सीमा पर फंसे मजदूरों का यही हाल बयां कर रहा है. भूखे प्यासे मजदूर परिवार के साथ सिस्टम की तरफ आस लगाए बैठे हैं. आखिर कब इनकों घर की दहलीज नसीब होगी. या इसी तरह से सड़कों पर शासन और प्रशासन की ठोकर और दुत्कार खाते रहेंगे.

वहीं, सागरपारा चेक पोस्ट के पास सैकड़ों की तादाद में मजदूरों के जत्थे को कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में रोक दिया गया. लॉक डाउन की पालना के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े हैं.

कलेक्टर ने बताया राजस्थान के विभिन्न जिलों से इन मजदूरों का जत्था बरेठा और सागर पड़ा सीमा पर पहुंचा है. सरकार के आदेशों की पालना में सख्त कदम उठाए जा रहे है. हालांकि कलेक्टर ने बताया कि इन मजदूरों को सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी. मजदूरों के खाने की व्यवस्था भी की जा रही है.

पढ़ें- धौलपुर से सटे UP के सैया बॉर्डर पर पहुंचा करीब 10 हजार मजदूरों का जत्था, प्रशासन ने सीमा में घुसने से रोका

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारियों से भी लगातार वार्ता की जा रही है. मजदूरों के लिए खाने-पीने की पूरी तरह से व्यवस्था की गई है. शहर के भामाशाह इस संकट की घड़ी में आकर सहयोग कर रहे हैं. उसके अलावा जिले के करीब 2 हजार परिवारों को चिन्हित किया गया है. जिन्हें शासन की तरफ से राशन और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जाएंगे. वालंटियर टीम का भी गठन किया जा रहा है. टीम की ओर से जरूरतमंद लोगों को हर स्थिति में सहयोग दिया जाएगा.

कलेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण वैश्विक महामारी से बचाव ही उपचार है. सरकार की ओर से जारी किया गया लॉक डाउन का असर लंबा रहेगा. लॉक डाउन की पालना के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और लोगों से भी अपील की जा रही है कि लॉक डाउन की पालना सुनिश्चित करें और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरों में बंद रहना ही सुनिश्चित करें.

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