धौलपुर. जिले के कालीसिंध गांधी सागर और अन्य छोटी नदियों से पानी की आवक होने पर चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 4.40 मीटर तक पहुंच गया है. चंबल नदी के अंदर कालीसिंध गांधी सागर और पार्वती नदी का पानी निकल रहा था. कोटा बैराज के गेट को मेंटेन करने के लिए सोमवार को 1 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी चंबल में रिलीज किया था. जिससे धौलपुर में चंबल नदी उफान पर आ गई. हालांकि राहत की खबर यह रही कि मंगलवार सुबह कोटा बैराज का गेज मेंटेन होने पर पानी को रिलीज होने से बंद कर दिया है. जिससे जिला प्रशासन ने राहत की बड़ी सांस ली है.
कलेक्टर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि नदी के तटवर्ती इलाकों के लोग पानी के तेज बहाव में रास्ते को पार नहीं करें. जलभराव के स्थानों पर सेल्फी लेने से बचें. खुद एवं मवेशी को सुरक्षित स्थानों पर रखें. पानी की आवक होने पर जिला प्रशासन एवं कंट्रोल रूम को अवगत कराएं.
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चंबल नदी में बढ़ते जल स्तर से जिले के 69 गांव में संकट देखा जा रहा था. नदी के तटवर्ती और निचले इलाकों में संबंधित हल्का पटवारी गिरदावर और पुलिस बल तैनात किया है. चंबल नदी पर गेज को सिंचाई विभाग द्वारा मेंटेन किया जा रहा है. फिलहाल कोटा बैराज से पानी बंद होने पर जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. लेकिन मध्यप्रदेश एवं हाड़ौती क्षेत्र से अगर पानी की आवक फिर से जारी रही तो स्थितियां खराब भी हो सकती हैं. जिसे लेकर जिला प्रशासन सतर्क बना हुआ है.
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने उपखंड बाड़ी, उपखंड सरमथुरा, उपखंड राजाखेड़ा और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की बैठक बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. उधर चंबल नदी के पुराने पुल पर लोगों के आवागमन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. इसके साथ ही भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया है. जिला प्रशासन एवं सिंचाई विभाग के कर्मचारी गेज पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.