धौलपुर. उदयपुर के ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर हुए धमाके के तार अब धौलपुर की आरएसीएल बारूद फैक्ट्री से (Dholpur connection of Udaipur blast case) जुड़े पाए गए हैं. मामले को लेकर आरईसीएल फैक्ट्री के एचआर प्रबंधक बीएन श्रीवास्तव ने बताया कि ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर जो ब्लास्ट हुआ है, उसमें इस्तेमाल हुए जिलेटिन छड़ धौलपुर के आरईसीएल फैक्ट्री (Dholpur RECL Factory) में निर्मित हुए थे.
उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के रिकॉर्ड के मुताबिक 23 मार्च, 2022 को अजमेर की कृष्णा सेल्स निजामपुरा मैगजीन (Krishna Sales Nizampura Magazine) को 15 टन विस्फोटक सप्लाई हुए थे. मैगजीन के मालिक भीलवाड़ा के गुलाबपुरा निवासी राजेंद्र कुमार बहती की डिमांड पर एक ट्रक माल अजमेर भेजा गया था. इसका उल्लेख डाटा रिकॉर्ड में भी उपलब्ध है.
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इतना ही नहीं आगे उन्होंने कहा कि आसपुर नदी में मिले विस्फोटक को अजमेर की मैगजीन से ही सप्लाई किया गया था. उन्होंने कहा कि घटना को लेकर जांच एजेंसी आरईसीएल फैक्ट्री पहुंची हैं. जांच एजेंसी को विस्फोटक सप्लाई से जुड़े सभी डाटा उपलब्ध करा दिए गए हैं. प्रबंधक ने कहा कि नदी में मिली सभी जिलेटिन छड़े धौलपुर आरईसीएल फैक्ट्री में ही निर्मित हुए हैं, क्योंकि बरामद सभी छड़ों में बारकोड भी लगा है.
अब भी जांच एजेंसी के हाथ खाली: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक को ब्लास्ट कर उड़ाने के मामले में चार दिन बीतने के बाद भी जांच एजेंसी के हाथ खाली हैं. इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए अलग-अलग जांच एजेंसी पड़ताल कर रही है. लेकिन अभी तक कोई विशेष सुराग जांच एजेंसियों को नहीं मिल पाया है. जिससे इस साजिश का पर्दाफाश किया जा सके, लेकिन बीते 4 दिनों से अलग-अलग जांच एजेंसियां हर एंगल पर सुबूत जुटाने और पूरे इलाके को सर्च करने में जुटी हुई है.
इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए एनआईए, एसओजी, एटीएस और आरपीएफ इस पूरे मामले की जांच करने में जुटी हुई है. बुधवार को भी 100 से अधिक पुलिसकर्मी घटनास्थल व आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाए. इस दौरान एजेंसियों ने बड़ी संख्या में लोगों से पूछताछ भी की है. बावजूद इसके फिलहाल कोई विशेष सुराग नहीं मिल पाया है.