धौलपुर. लॉक डाउन के चलते न जाने कितने मजदूर रास्ते में फंसे हुए है जो अपने घरों को जाने के लिए तरस रहे है. ऐसे में उनके पास ना ही तो पैसे है और ना ही खाने के लिए कोई साधन. इसके चलते पैदल यात्रा कर करीब दस हजार लोग मंगलवार को सैया बॉर्डर पर पहुंचे, जहां इन मजदूरों की भीड़ को देख धौलपुर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. इस दौरान मौके पर पहुंच कलेक्टर और एसपी ने सीमा को तत्काल रूप से सील कर सभी मजदूरों को आने से रोक दिया.
गौरतलब है कि हजारों की तादात में पहुंचा मजदूरों का जत्था यातायात की मांग को लेकर बीच हाईवे और खेतों में बैठ गया. वहीं, बॉर्डर सील होने के बाद मजदूरों को धौलपुर सीमा में पुलिस ने नहीं आने दिया. सूचना मिलते ही कलेक्टर राकेश कुमार जयसवाल और एसपी मृदुल कच्छावा बड़ी संख्या में पुलिस बल और अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे, जहां अधिकारियों ने मजदूरों से समझाइस कर उन्हें हाईवे के किनारे करवाया. इसके बाद रात को यूपी पुलिस ने हाईवे से निकलने वाले ट्रकों में मजदूरों और उनके परिवारों को बैठाया और उन्हें एमपी की ओर भिजवाया.
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जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि दिल्ली से पैदल चलकर आए सभी मजदूर अपने परिवार के साथ बड़ी संख्या में हाईवे और खेतों के रास्ते से धौलपुर सीमा पर आ गए. इससे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है और उत्तर प्रदेश के अधिकारियो से आग्रह किया गया है कि यह राजस्थान की सीमा से तीन किलोमीटर दूर है. सरकार के निर्देश है जो जहां है, वही रहेगा. वहीं, मौके की फोटोग्राफी करा कर मुख्य सचिव और गृह मंत्रालय को भिजवाया जाएगा, जिससे समस्या का निदान हो सके.