धौलपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 13 जुलाई से सम्पूर्ण राजस्थान में द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वृहद स्तर पर किया जाना है. इसके लिए राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण ने कवायद शुरू कर दी है.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और और न्यायाधीश शक्ति सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से परिवादी और विवादी के लंबित और विचाराधीन मामलों को आपसी सुलह और राजीनामा कराकर मोके पर ही निस्तारण कराया जाएगा. जिससे दोनों को बड़ी राहत मिलने के साथ तकरार को खत्म किया जा सकता है.
राष्ट्रीय लोक अदालत का दूसरा चरण आयोजित किया जा रहा है. इसमें शमनीय दाण्डिक अपराध, धारा 138 परकाम्य विलेख अधिनियम के मामले, बैंक रिकवरी के मामले, एमएसीटी के मामले, पारिवारिक विवाद के लंबित प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी की चोरी के मामले, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले, जिसमे प्रमुख रूप से किराया, सुखाधिकार, निषेधज्ञा, दावे और विनिर्दिष्ट पालना से संबंधित दावे के निस्तारण आपसी सुलह के माध्यम से कराये जायेगे.
इसके अलावा प्री-लिटिनेशन के मामले जो अभी न्यायालय के समक्ष नहीं आये है. इन सभी प्रकरणों को वादी और परिवादी को आपस में समझाइस कर सुलह कराकर राजीनामे कराये जायेगे.
इन सभी मामलों के निस्तारण के लिए जिले में 11 बैंचों का गठन किया गया है. जिसमे 7 बैंचों का गठन जिला मुख्यालय पर किया है. 3 बेंच का गठन उपखण्ड मुख्यालय बाड़ी और 1 बेंच का गठन राजाखेड़ा शहर में किया है. न्यायाधीश शक्ति सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत जिला और प्रदेश में आपसी सुलह और मुकदमों के निस्तारण के लिए वरदान साबित होगी.