धौलपुर. कंचनपुर थाना क्षेत्र के भीमगढ़ गांव में स्थित माता मंदिर के पुजारी के हत्यारों (Murder of priest in Dholpur) का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है. पुलिस के हाथ पुजारी के हत्यारों का अभी तक कोई अहम सुराग नहीं आया है. दरअसल, वारदात के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने घटनास्थल का मौका मुआयना भी किया है. बता दें कि बुधवार सुबह पार्वती नदी के पास प्लास्टिक के बोरों में पुजारी का 4 अलग-अलग टुकड़ों में शव बरामद हुआ था. हालांकि अभी तक पुजारी का सिर बरामद नहीं हो सका है. इस वारदात से इलाके में सनसनी फैली हुई है.
मंदिर के पास गुफा में रह रहे साधुओं से हुआ था विवाद: माता मंदिर पुजारी बहाबुद्दीन खान का 3 दिन पहले मंदिर के पास गुफा में रह रहे साधु केशवदास, सियाराम और महेश दास से विवाद हुआ था. विवाद का कारण आटा गूंथने वाली परात बताई जा रही है. जिसे मृतक बहाबुद्दीन गुफा से रात को उठाकर ले आया था. स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार, गुफा में रह रहे साधुओं से शुरू से ही अनबन थी. दूसरा प्रमुख कारण माता के मंदिर पर अधिक चढ़ावा आता था. इसे लेकर गुफा में रह रहे तीनों साधुओं को जलन रहती थी. साथ ही तीनों साधुओं द्वारा धर्म को लेकर टीका टिप्पणी भी की जाती थी.
शनिवार से लापता था पुजारी: स्थानीय ग्रामीण गंगा सिंह ने बताया कि माता मंदिर पर रह रहा पुजारी बहाबुद्दीन शनिवार से लापता था. मृतक के परिजन रोजाना चाय नाश्ता देने जाते थे, लेकिन पुजारी के मंदिर पर नहीं मिलने से परिजनों की चिंताएं भी बढ़ गई थी. बुधवार सुबह मंदिर पर पहुंचे ग्रामीणों ने तलाश किया तो नदी के किनारे प्लास्टिक के बोरा में पुजारी की लाश मिली थी.
कटर से काटकर की गई निर्मम हत्या: आरोपियों ने पुजारी की हत्या कटर से काटकर की. पुलिस ने मौके से लोहे के धारदार कटर और खून से सने कपड़े को भी बरामद किया. हत्या करने के बाद आरोपियों ने 2 प्लास्टिक के बोरे में डेड बॉडी के 4 अलग-अलग पार्ट को भरकर नदी में फेंकने के लिए ले गए, लेकिन एक प्लास्टिक का बोरा झाड़ियों में छूट गया और एक को पत्थर बांधकर नदी में फेंक दिया. वहीं, बरामद शव के टुकड़ों को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है. पुलिस के अनुसार, सिर बरामद होने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा.
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कानूनी रूप से नहीं किया धर्मांतरण: मृतक पुजारी बहाबुद्दीन के भतीजे शाकिर ने बताया कि कानूनी रूप से धर्मांतरण नहीं किया था. पार्वती नदी के पास माता मंदिर पर अक्सर जाया करते थे. मंदिर पर आने जाने से मां चामुंडा में आस्था जाग गई. इसके बाद मंदिर पर ही रहने लगे थे. भतीजे ने बताया कि बीते 10 साल से माता मंदिर पर पूजा अर्चना करते थे. इलाके के श्रद्धालुओं की तरफ से उनको श्रद्धा पूर्वक सम्मान दिया जाता था.
घटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती: बहाबुद्दीन पुजारी की हत्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. 24 घंटे से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं लग सका है. कंचनपुर थाना प्रभारी हेमराज शर्मा ने बताया कि जिन साधुओं पर हत्या के शक की सुई जा रही है, वह तीनों फरार हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस टीम गठित कर संबंधित ठिकानों की खोजबीन कर दबिश की कार्रवाई कर रही है. थाना प्रभारी ने दावा किया है आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश किया जाएगा.
यह है मामला: बता दें कि बुधवार सुबह माता मंदिर के पुजारी की डेड बॉडी कटी हुई अवस्था में पार्वती नदी के किनारे बरामद हुई थी. मृतक मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखता है, लेकिन बीते 10 साल से माता मंदिर पर पूजा पाठ करता था.