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पीड़िताएं दुष्कर्म से मुकरी, डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने आरोपियों को सुनाई सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिगों से (Pocso court in Jaipur sentenced the accused) दुष्कर्म के दो मामलों की सुनवाई करते हुए अभियुक्तों को सजा सुनाई है.

Pocso court in Jaipur sentenced the accused,  sentenced the accused of rape to 20 years
अदालत ने आरोपियों को सुनाई सजा.
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Published : Feb 14, 2023, 7:37 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की दो अलग-अलग अदालतों ने नाबालिग पीड़िताओं से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रवि प्रकाश और गौरव सैनी को बीस-बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों को अर्थ दंड से भी दंडित किया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता के पक्षद्रोही होने मात्र से डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट को नहीं मानने का कोई कारण मौजूद नहीं है. प्रथम दृष्टया लगता है कि पक्षकारों के बीच सांठगांठ होने के कारण पीड़िताएं अपने बयानों से बदल गई हैं.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि 26 जनवरी 2021 को पीड़िता के पिता ने फागी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी सुबह दूध लेने बाजार गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. उसे पता चला कि रवि प्रकाश उसे बहला फुसला कर अपने साथ ले गया है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

पढ़ेंः Chittorgarh POCSO Court Order : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अपनी मर्जी से अभियुक्त की बुआ के घर जाना बताया और दुष्कर्म होने से भी इनकार कर दिया. वहीं दूसरे प्रकरण में 9 अक्टूबर 2021 को पीड़िता की मां करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की एक दिन पहले उसकी बेटी किताब लेने पड़ोस में गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त गौरव सैनी को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं ट्रायल के दौरान पीड़िता और उसकी मां पक्षद्रोही हो गई और दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. हालांकि दोनों मामलों में डीएनए रिपोर्ट में आया कि पीड़िताओं के साथ दुष्कर्म हुआ है. ऐसे में अदालत ने चिकित्सीय साक्ष्य के आधार पर अभियुक्तों को दंडित किया है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की दो अलग-अलग अदालतों ने नाबालिग पीड़िताओं से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रवि प्रकाश और गौरव सैनी को बीस-बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों को अर्थ दंड से भी दंडित किया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता के पक्षद्रोही होने मात्र से डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट को नहीं मानने का कोई कारण मौजूद नहीं है. प्रथम दृष्टया लगता है कि पक्षकारों के बीच सांठगांठ होने के कारण पीड़िताएं अपने बयानों से बदल गई हैं.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि 26 जनवरी 2021 को पीड़िता के पिता ने फागी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी सुबह दूध लेने बाजार गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. उसे पता चला कि रवि प्रकाश उसे बहला फुसला कर अपने साथ ले गया है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

पढ़ेंः Chittorgarh POCSO Court Order : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अपनी मर्जी से अभियुक्त की बुआ के घर जाना बताया और दुष्कर्म होने से भी इनकार कर दिया. वहीं दूसरे प्रकरण में 9 अक्टूबर 2021 को पीड़िता की मां करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की एक दिन पहले उसकी बेटी किताब लेने पड़ोस में गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त गौरव सैनी को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं ट्रायल के दौरान पीड़िता और उसकी मां पक्षद्रोही हो गई और दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. हालांकि दोनों मामलों में डीएनए रिपोर्ट में आया कि पीड़िताओं के साथ दुष्कर्म हुआ है. ऐसे में अदालत ने चिकित्सीय साक्ष्य के आधार पर अभियुक्तों को दंडित किया है.

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