धौलपुर. बाड़ी शहर के सरकारी अस्पताल पर दो एंबुलेंस चालकों की लड़ाई नवजात शिशु की जान पर (Newborn dies in Dholpur Hospital) भारी पड़ गई. अस्पताल से रेफर किए गए नवजात शिशु का समय पर उपचार नहीं हो सका. जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. पीड़ित ने लिखित में चिकित्सा विभाग को शिकायत देकर दोषी एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है.
नवजात शिशु को जिला अस्पताल किया था रेफर : जानकारी के मुताबिक बाड़ी शहर के कहार गली निवासी रिंकू दिवाकर पुत्र राजू ने सोमवार को अपनी पत्नी गुंजन को प्रसव पीड़ा होने पर बाड़ी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था. अस्पताल में प्रसव होने के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. चिकित्सकों ने नवजात शिशु को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. पीड़ित के मुताबिक जिला अस्पताल के प्रांगण में प्राइवेट एंबुलेंस कर्मी मौजूद थे. एक एंबुलेंस में नवजात शिशु को लेकर जैसे ही रवाना हुए तो दूसरे एंबुलेंस कर्मी ने अस्पताल के गेट के सामने अपनी गाड़ी को लगा दिया और बोलने लगा कि मेरा नंबर है. शिशु को मैं लेकर जाऊंगा.
मनमानी के चलते गई नवजात शिशु की जानः दोनों एंबुलेंस चालकों में बहस हो गई. दोनों की बहस में आधा घंटा बर्बाद (Newborn dies in ambulance drivers mutual fight) हो गया. इसके बाद बाहर से एंबुलेंस करके परिजन आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन नवजात शिशु ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. एंबुलेंस चालकों की मनमानी की बदौलत नवजात शिशु की जान चली गई. अगर समय रहते उपचार मिल जाता तो शायद शिशु बच जाता. पीड़ित ने चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों को नामजद एंबुलेंस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दी है.