ETV Bharat / state

अगर केंद्र सरकार मर्द है, तो किसानों से आगे आकर करे वार्ता, तीनों कृषि विधेयक किसान विरोधी- बच्चउ भाऊ कुट्टू - Dholpur farmer leaves for Delhi

धौलपुर में बुधवार को सैकड़ों की तादाद में किसानों का काफिला महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री बच्चउ भाऊ कुट्टू के नेतृत्व में दिल्ली के लिए रवाना हुआ. इस दौरान महाराष्ट्र सरकार के राज्य मंत्री बच्चउ भाऊ कुट्टू ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों किसान विरोधी विधेयकों को सरकार को वापस लेना चाहिए.

धौलपुर किसान दिल्ली के लिए रवाना, Dholpur farmer leaves for Delhi
धौलपुर किसान दिल्ली के लिए रवाना
author img

By

Published : Dec 10, 2020, 2:20 AM IST

धौलपुर. जिले से सैकड़ों की तादाद में किसानों का काफिला बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री बच्चउ भाऊ कुट्टू के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली के लिए रवाना हुआ है. दिल्ली में पिछले लंबे समय से कृषि विधेयक कानून के विरोध में देशभर के किसानों द्वारा धरना दिया जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री के नेतृत्व में सैकड़ों की तादात में बाइक और चार पहिया गाड़ियों से काफिला रवाना हुआ है.

धौलपुर किसान दिल्ली के लिए रवाना

ईटीवी भारत से खास वार्ता में महाराष्ट्र सरकार के राज्य मंत्री बच्चउ भाऊ कुट्टू ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों किसान विरोधी विधेयकों को सरकार को वापस लेना चाहिए. उन्होंने बताया करीब 60 वर्ष पूर्व महाराष्ट्र में शरद जोशी किसानों के नेता रहे थे. उन्होंने किसानों के हित में लिखा था, भीख नहीं दाम दो. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून में दाम देने की बात नहीं है.

पढे़ं- राजस्थान : कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा का परचम...35 में से 20 सीटों पर जमाया कब्जा

महाराष्ट्र, राजस्थान सहित पूरे देश में प्रति क्विंटल के अनुपात में मोदी सरकार किसानों को लूट रही है. मौजूदा वक्त में किसानों को लागत के अनुपात में फसल के दाम नहीं मिल रहे हैं. प्रति क्विंटल पर सरकार एक हजार रुपये किसानों से लूट कर रही है और 6 हजार रुपये एक साल में किसानों को दिए जा रहे है. सवाल का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के तीनों कानून विरोधी हैं. अगर केंद्र सरकार मर्द है तो किसानों से आगे आकर वार्ता करे.

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के अनाज को पहले मंडी के बाहर खरीदना चाहती है, लेकिन मंडी के बाहर किसानों के माल की खरीद हो नहीं सकती है. मोदी सरकार बड़ी कंपनियों को मुनाफा देना चाहती है. राज्य मंत्री ने कहा मोदी जी ने कहा था कि ठेकेदारी पद्धति से खेती की जाएगी. तीनों कानून अदानी और अन्य बड़ी कंपनियों के लिए पारित किए गए. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अडानी, अंबानी चला रहे है. सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की तानाशाही चल रही है. सरकार चाहती है कि धीरे-धीरे आंदोलन ठंडा हो जाएगा. लेकिन केंद्र सरकार अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं होगी.

उन्होंने कहा 4 दिसंबर 2020 को किसानों का काफिला 900 किलोमीटर का सफर बाइक से तय कर आया है. किसानों का काफिला वापस होने के लिए नहीं आया है. अगर सरकार नहीं मानती है तो हम हमारे तरीके से लड़ेंगे.

पढे़ं- राजस्थान पंचायत चुनाव में BJP की जीत से जेपी नड्डा गदगद , कहा- यह विजय PM मोदी में विश्वास का प्रतीक

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर किसान आंदोलन के समर्थन में मशाल मार्च

दिल्ली की सीमा पर गत 14 दिन से डेरा जमाए हुए किसानों के समर्थन में अलग-अलग संगठन देश भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और इसी के तहत स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर किसान आंदोलन के समर्थन में मशाल मार्च निकाला गया. मशाल जुलूस शिक्षक भवन से चलते हुए बस डिपो से निकलकर शहीद स्मारक तक निकाला गया. जिसमें किसानों के समर्थन में नारेबाजी की गईं.

एसएफआई के जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि किसान पिछले 14 दिनों से दिल्ली में पड़ाव डाले हुए हैं, लेकिन केन्द्र सरकार किसानों से वार्ता कर उनकी मांगे नहीं मान रही है. जिसका एसएफआई पुरजोर विरोध करती है और यह मांग करती है कि जल्द ही किसानों की जायज मांगो को माना जाए.

महाराष्ट्र से दिल्ली जा रहे किसानों ने डाला भरतपुर में डेरा

कृषि कानून का विरोध, Opposition to agricultural law
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने निकाला मशाल मार्च

दिल्ली में कृषि कानून के विरोध को लेकर चल रहे आंदोलन को कई दिन बीत चुके हैं. किसानों और सरकार के बीच कई बार वार्ता भी हुई, लेकिन अभी तक किसी में सहमति नहीं बनी. आज महाराष्ट्र के अमरावती से 6 दिन पहले दिल्ली के लिए निकले हुए किसान भरतपुर पहुंचे. करीब 800 किसान जब मथुरा होते हुए दिल्ली की तरफ कूच करने लगे, तभी भरतपुर शहर में ही उत्तर प्रदेश की मथुरा पुलिस ने किसानों को रोक लिया और बॉर्डर सीज होने की वजह से आगे ना बढ़ने की हिदायत दी. उसके बाद किसानों का नेतृत्व कर रहे महाराष्ट्र के राज्य मंत्री बच्चू बहु गुड़ु ने भरतपुर में ही एक गुरुद्वारे में पड़ाव डाल दिया.

धौलपुर. जिले से सैकड़ों की तादाद में किसानों का काफिला बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री बच्चउ भाऊ कुट्टू के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली के लिए रवाना हुआ है. दिल्ली में पिछले लंबे समय से कृषि विधेयक कानून के विरोध में देशभर के किसानों द्वारा धरना दिया जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री के नेतृत्व में सैकड़ों की तादात में बाइक और चार पहिया गाड़ियों से काफिला रवाना हुआ है.

धौलपुर किसान दिल्ली के लिए रवाना

ईटीवी भारत से खास वार्ता में महाराष्ट्र सरकार के राज्य मंत्री बच्चउ भाऊ कुट्टू ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों किसान विरोधी विधेयकों को सरकार को वापस लेना चाहिए. उन्होंने बताया करीब 60 वर्ष पूर्व महाराष्ट्र में शरद जोशी किसानों के नेता रहे थे. उन्होंने किसानों के हित में लिखा था, भीख नहीं दाम दो. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून में दाम देने की बात नहीं है.

पढे़ं- राजस्थान : कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा का परचम...35 में से 20 सीटों पर जमाया कब्जा

महाराष्ट्र, राजस्थान सहित पूरे देश में प्रति क्विंटल के अनुपात में मोदी सरकार किसानों को लूट रही है. मौजूदा वक्त में किसानों को लागत के अनुपात में फसल के दाम नहीं मिल रहे हैं. प्रति क्विंटल पर सरकार एक हजार रुपये किसानों से लूट कर रही है और 6 हजार रुपये एक साल में किसानों को दिए जा रहे है. सवाल का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के तीनों कानून विरोधी हैं. अगर केंद्र सरकार मर्द है तो किसानों से आगे आकर वार्ता करे.

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के अनाज को पहले मंडी के बाहर खरीदना चाहती है, लेकिन मंडी के बाहर किसानों के माल की खरीद हो नहीं सकती है. मोदी सरकार बड़ी कंपनियों को मुनाफा देना चाहती है. राज्य मंत्री ने कहा मोदी जी ने कहा था कि ठेकेदारी पद्धति से खेती की जाएगी. तीनों कानून अदानी और अन्य बड़ी कंपनियों के लिए पारित किए गए. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अडानी, अंबानी चला रहे है. सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की तानाशाही चल रही है. सरकार चाहती है कि धीरे-धीरे आंदोलन ठंडा हो जाएगा. लेकिन केंद्र सरकार अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं होगी.

उन्होंने कहा 4 दिसंबर 2020 को किसानों का काफिला 900 किलोमीटर का सफर बाइक से तय कर आया है. किसानों का काफिला वापस होने के लिए नहीं आया है. अगर सरकार नहीं मानती है तो हम हमारे तरीके से लड़ेंगे.

पढे़ं- राजस्थान पंचायत चुनाव में BJP की जीत से जेपी नड्डा गदगद , कहा- यह विजय PM मोदी में विश्वास का प्रतीक

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर किसान आंदोलन के समर्थन में मशाल मार्च

दिल्ली की सीमा पर गत 14 दिन से डेरा जमाए हुए किसानों के समर्थन में अलग-अलग संगठन देश भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और इसी के तहत स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर किसान आंदोलन के समर्थन में मशाल मार्च निकाला गया. मशाल जुलूस शिक्षक भवन से चलते हुए बस डिपो से निकलकर शहीद स्मारक तक निकाला गया. जिसमें किसानों के समर्थन में नारेबाजी की गईं.

एसएफआई के जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि किसान पिछले 14 दिनों से दिल्ली में पड़ाव डाले हुए हैं, लेकिन केन्द्र सरकार किसानों से वार्ता कर उनकी मांगे नहीं मान रही है. जिसका एसएफआई पुरजोर विरोध करती है और यह मांग करती है कि जल्द ही किसानों की जायज मांगो को माना जाए.

महाराष्ट्र से दिल्ली जा रहे किसानों ने डाला भरतपुर में डेरा

कृषि कानून का विरोध, Opposition to agricultural law
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने निकाला मशाल मार्च

दिल्ली में कृषि कानून के विरोध को लेकर चल रहे आंदोलन को कई दिन बीत चुके हैं. किसानों और सरकार के बीच कई बार वार्ता भी हुई, लेकिन अभी तक किसी में सहमति नहीं बनी. आज महाराष्ट्र के अमरावती से 6 दिन पहले दिल्ली के लिए निकले हुए किसान भरतपुर पहुंचे. करीब 800 किसान जब मथुरा होते हुए दिल्ली की तरफ कूच करने लगे, तभी भरतपुर शहर में ही उत्तर प्रदेश की मथुरा पुलिस ने किसानों को रोक लिया और बॉर्डर सीज होने की वजह से आगे ना बढ़ने की हिदायत दी. उसके बाद किसानों का नेतृत्व कर रहे महाराष्ट्र के राज्य मंत्री बच्चू बहु गुड़ु ने भरतपुर में ही एक गुरुद्वारे में पड़ाव डाल दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.