धौलपुर. रिकार्ड 28 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर कर तिब्बत, कजाकिस्तान, रूस, मंगोलिया से चंबल पहुंचे बार हेडेड गूज के झुंड (Migratory Birds Bar Headed Goose) और उनकी अठखेलियां सैलानियों को खूब भा रही हैं. एक दिन में 1600 किमी की उड़ान भरने की क्षमता वाले बार हेडेड गूज के झुंड ने धौलपुर के राजघाट पर चंबल नदी में डेरा डाल लिया है. चंबल के जल में इनकी अठखेलियां यहां आने वाले सैलानियों को खूब भा रही (Goose from Mangolia Camped In Dholpur) हैं.
पक्षी विशेषज्ञ मुन्ना लाल निषाद ने बताया कि चंबल की आबोहवा इस पक्षी को भा रही है. तभी साल दर साल इनके झुंड यहां दस्तक दे रहे हैं.उन्होंने बताया कि चंबल आने वाले पर्यटक पक्षियों के झुंड और इनके बारे में जानकर अचंभित हो उठते हैं. वन कर्मी इन प्रवासी पक्षियों पर खास नजर भी रखे हुए हैं.
पढे़ं- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में औषधीय भंडार, 200 से अधिक प्रजाति के 'गुणी' पौधे चिन्हित
नाम के पीछे वजह खास: बार हेडेड गूज (Migratory Birds Bar Headed Goose) को सफेद हंस भी कहा जाता है, क्योंकि इनके सिर और गर्दन पर काले निशान के साथ इनका रंग पीला ग्रे होता है. सिर पर दो काली सलाखों के साथ उनके सफेद पंख होते हैं. इनके पैर मजबूत और नारंगी रंग के होते हैं. इनकी लंबाई 68 से 78 सेमी, पंखों का फैलाव 140 से 160 सेमी, वजन दो से तीन किलोग्राम होता है. मई के अंत में प्रजनन शुरू होता है.
एक बार में 3 से 8 अंडे देता है बार हेडेड गूज: प्रजनन को लेकर वन्यजीव प्रेमी मुन्ना लाल ने बताया कि ये अपना घोंसला खेत के टीले या पेड़ पर बनाते हैं. एक बार में तीन से आठ अंडे देते हैं. 27 से 30 दिनों में अंडे से बच्चे बाहर निकलते हैं. प्रजनन के बाद इनके दो महीने के बच्चे उड़ान भरने लगते हैं. बार हेडेड गूज के चंबल में कई ठिकाने दिखे हैं. यहां इनकी मौजूदगी पर्यटकों के लिए सुखद अनुभव है. सबसे ऊंची और तेज उड़ान वाले पक्षी के चंबल प्रवास पर नजर रखी जा रही है.