धौलपुर. जिले के राजकीय सामान्य चिकित्सालय के कोरोना वार्ड में संदिग्धों की देखभाल में कर रहे नर्सिंग ऑफिसर जगदीश सिंह मान पिछले 8 दिन से घर नहीं गए है. 8 दिन बाद जब जगदीश जब बच्चों की याद सताने पर घर पहुंचे तो घर के बाहर का नजारा भावुक कर देने वाला था. दरवाजे पर पत्नी खाना लेकर आई तो बाइक पर बैठे-बैठे ही खाना खाया और वहीं बातचीत की.
इस दौरान 3 साल की बेटी गोद में आने के लिए मचलने लगी. लेकिन अपने कर्तव्यों के बंधन में बंधे पिता ने अपनी बेटी को देखा और बाद में घर जाने को कहा, चाह कर भी उसे गोद में लेकर प्यार नहीं कर सके. लेकिन इस दौरान लडखड़ाते हुए शब्दों और रुंधे हुए गले से बेटी ने बोला उसे सुन परिजन भावुक हो गए.
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मासूम ने नाराजगी भरे लहजे में कहा,पापा आप पहले जैसे नहीं रहे, अब आपने घर आना बंद कर दिया है. याकिन इस मासूम को इस बात का इल्म कहा कि पापा तो उसे अपने सीने से लगाना चाहते हैं लेकिन फर्ज और परिवार की सुरक्षा के खातिर वो अपने सीने में पत्थर रख कर उसे नहीं दुलार रहे.
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जगदीश कहते हैं कि वो चिकित्सालय में काम करने के बाद घर नहीं बल्कि पास स्थित होटल में ही रुकते हैं. घर में माता पिता और पत्नी हर वक्त चिंतित रहते हैं, और फोन पर भी सावधानी बरतने की हिदायत देते हैं. जगदीश सिंह की पत्नी जसविंदर कहती है कि उन्हें पति पर गर्व जो संकट की घड़ी में पति देश को बचाने के लिए लड़ रहे हैं.