धौलपुर. कोतवाली थाना इलाके के बाड़ी मार्ग पर सरकारी चिकित्सक ने अपने निवास पर प्रसूता की डिलीवरी के दौरान जान ले ली. चिकित्सक प्रसूता के परिजनों को करीब 4 घंटे तक गुमराह करता रहा. जब प्रसूता के परिजनों ने ज्यादा जिद की तो चिकित्सक ने ज्यादा तबीयत खराब होने का हवाला देकर आगरा ले जाने की बात कह डाली, जिससे परिजनों के होश उड़ गए.
ऐसे में जब परिजनों ने देखा तो प्रसूता मरी हुई अवस्था में उनको मिली. प्रसूता की लाश देखकर परिजनों ने अस्पताल में ही कोहराम मचा दिया. हालांकि प्रसूता ने जिस शिशु को जन्म दिया, वह स्वस्थ है. परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थानीय कोतवाली थाना पुलिस के समक्ष मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ तहरीर लेकर प्रसूता का शव राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवा दिया है, जिसका सुबह परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
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गौरतलब है कि शहर के राजकीय जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डॉ. मनोज सिंघल सर्जन हैं. चिकित्सकीय गाइडलाइन के मुताबिक सर्जन को प्रसूता की डिलीवरी करने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है. प्रसूता की डिलीवरी सिर्फ गायनिक स्पेशलिस्ट ही कर सकता है. उसके बावजूद सरकारी चिकित्सक द्वारा अनाधिकृत तरीके से निज निवास पर डिलीवरी कराने का गोरखधंधा पिछले लंबे समय से संचालित किया जा रहा है. प्रकरण में पीड़ित लवकुश पुत्र मोहन गोस्वामी निवासी मनिया ने बताया कि उसकी 22 बर्षीय पत्नी पल्लवी को 27 जुलाई 2020 की रात करीब 10 बजे प्रसव पीड़ा हुई थी. प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता को परिजनों ने की शहर के बाड़ी मार्ग स्थित मनोज सिंघल के निवास पर दिखाया था.
पीड़ित पति ने बताया चिकित्सक ने पत्नी का स्वास्थ्य परीक्षण कर सामान्य डिलीवरी का हवाला देकर भर्ती करा लिया. लेकिन रात 3 बजे चिकित्सक ने बताया कि प्रसूता की तबीयत ज्यादा खराब हो सकती है. लिहाजा इसका ऑपरेशन करना पड़ेगा. चिकित्सक द्वारा बताई गई बात पर परिजन राजी हो गए. इस दौरान डॉक्टर ने आश्वासन दिया कि आधे घंटे में सफल ऑपरेशन हो जाएगा. इस दौरान डिलीवरी सही हो गई और बच्चे को भी परिजनों को दिखा दिया गया. लेकिन प्रसूता को देखने के लिए चिकित्सक ने साफ मना कर दिया. परिजन बार-बार प्रसूता को देखने की बात कहते रहे, लेकिन चिकित्सक बार-बार टालता रहा. चिकित्सक ने करीब 4 घंटे तक प्रसूता को परिजनों को नहीं दिखाया, जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और चिकित्सक पर प्रसूता को देखने के लिए दबाव बनाया गया.
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परिजनों के आक्रोश को देखत चिकित्सक ने कहा कि प्रसूता की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है, आप इसे आगरा ले जाओ. पीड़ित पति ने बताया जब प्रसूता को बाहर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी. पीड़ित का कहना है कि 4 घंटे पूर्व ही डिलीवरी के दौरान प्रसूता ने दम तोड़ दिया था. लेकिन चिकित्सक परिजनों को 4 घंटे से गुमराह कर रहा था. उधर चिकित्सक की गाइडलाइन के मुताबिक सर्जन चिकित्सक प्रसूता की डिलीवरी नहीं कर सकता है, सिर्फ परामर्श दे सकता है. लेकिन जिला अस्पताल में तैनात डॉ. मनोज सिंघल ने पैसों के लालच में एक प्रसूता की जान ले ली है.
पीड़ित पति लवकुश में आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली थाना पुलिस के समक्ष रिपोर्ट पेश कर दी है. पुलिस ने मृतक प्रसूता का शव कब्जे में लेकर राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवा दिया, जिसका सुबह परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जाएगा.