धौलपुर. कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद मजदूर और गरीबों के रोजगार लगभग चौपट हो चुके थे. शहरों से गांवों में पलायन हुआ. लोगों ने खुद के रोजगार स्थापित किए, तो कुछ ने दिहाड़ी मजदूरी पर रोजगार को प्राप्त किया है. मौजूद वक्त में कोरोना थमने के बाद रोजगार पटरी पर लौट रहे है. खासकर लघु और मझोले उधोग संचालक के काम काम शुरू हो चुके है, लेकिन कारोबार पर विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रहण लग रहा है.
वैसे तो जिले के हर तहसील और उपखंड मुख्यालय पर हालात खराब है, लेकिन सबसे अधिक समस्या बिजली आपूर्ति की सैपऊ कस्बे के आमजन के साथ छोटे कारोबारियों के लिए बन गई है. मौजूदा वक्त में रवि फसल का सीजन चल रहा है. फसल पकाव पर पहुंचने से मशीनी उपकरणों के माध्यम से ही अनाज को निकाला जाता है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में विद्युत आपूर्ति नहीं मिलने से मजदूर और मिस्त्री लोगों को बैठना पड़ रहा है.
मशीनी उपकरणों में सबसे अधिक थ्रेसर, कटर, चारा मशीन, वेल्डिंग, खराद, ग्रांडर और खेती से संबंधित जितने भी उपकरण है, सभी का काम किया जाता है, लेकिन 4 से 5 घंटे की विद्युत कटौती मजदूर और मिस्त्री लोगों के लिए भारी परेशानी का सबब बन गई है. निगम की ओर से विद्युत आपूर्ति निर्धारित समय पर नहीं दिया.
अगर विद्युत आपूर्ति दी भी गई, तो काफी कम समय के लिए बिजली रहती है. जिसके कारण इलेक्ट्रीशियन से संबंध कारोबारियों के कारोबार भारी प्रभावित हो रहे है. मिस्त्री लोगों का कहना है कि एक तरफ तो डिस्कॉम की ओर से विद्युत सप्लाई नहीं दी जा रही. वहीं दूसरी तरफ मिनिमम चार्ज भी अधिक वसूल किया जा रहा है. उन्होंने बताया लगभग नवंबर 2020 से विद्युत विभाग लापरवाह बना हुआ है.
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उन्होंने बताया कई बार डिस्कॉम के अधिकारियों समेत जिला प्रशासन को भी शिकायत पत्र देकर अवगत कराया गया है, लेकिन जिला प्रशासन और विद्युत विभाग समस्या की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे लघु एवं मझोले कारोबारियों के कारोबार ठप हो रहे हैं. मिस्त्री एवं कारोबारियों में प्रशासन और डिस्कॉम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा जा रहा है.