धौलपुर. सांसद मनोज राजोरिया ने कहा कि देश में मेडीकल ऑक्सीजन के उत्पादन में 10 गुना की वृद्धि हुई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 की प्रथम लहर के समय प्रभावी तरीके से सफलता पायी थी. चिकित्सा राज्य सूची का विषय है, इसके बावजूद राजस्थान राज्य सरकार ने इसमें किसी प्रकार की सक्रियता नहीं दिखायी. वह केवल केन्द्र सरकार की ओलचना में व्यस्त रही और अपने कर्त्तव्यों से विमुख रही.
सांसद ने कहा कि एक साल में राजस्थान सरकार की कोविड-19 के संबंध में चिकित्सा विभाग की तैयारियां जीरो रही. पीएम केयर फन्ड के माध्यम से लगभग 60 करोड़ की लागत से 1500 वेन्टीलेटर राजस्थान राज्य को उपलब्ध कराये. लेकिन उनका उचित उपयोग नहीं हो सका. राजस्थान के सभी जिला स्तरीय एवं उपजिला स्तरीय चिकित्सालयों पर यह वेन्टीलेटर उपलब्ध कराये गये. परन्तु स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों ने इन्हें उपयोग में न लेकर कबाड की तरह पटके रखा.
सांसद राजोरिया ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार इन वेन्टीलेटर्स के उचित संचालन हेतु चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों का प्रबन्ध करने में भी असफल रही. चिकित्सा विभाग राजस्थान सरकार ने पिछले साल के लॉकडाडन के बाद चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया में बार - बार परीक्षा रद्द करने के उपरांत 04 बार में जाकर उक्त परीक्षा पूर्ण हो पायी. इसी प्रकार कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सी.एच.ओ.) का परिणाम भी दो चरणों में जारी किया गया. जिन्हे अब कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए नियुक्ति दी जा रही है.
सांसद राजोरिया ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं होकर राष्ट्रनीति से चलने का है. ऐसे समय में भी कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी अजीबोगरीब बयान देने लग रहे हैं. जिससे सम्पूर्ण विश्व में देश की छवि को नुकसान होता है. इसी प्रकार प्रदेश की कांग्रेस सरकार को केन्द्र सरकार से आरोप - प्रत्योरोपों को छोड़ते हुए आमजन के सहयोग के लिए सक्रिय होना चाहिए.