धौलपुर. जिले में कोरोना से लोगों को कुछ राहत मिली है. जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि कोविड से निपटने के लिए जिले में बड़े पैमाने पर इंतजाम किए गए हैं. कॉम्प्रेहेनशिव स्ट्रेटजी के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में आईएलआई मरीजों की संख्या ज्यादा मिली , उन क्षेत्रों का वर्गीकरण सैम्पलिंग कराने के लिए किया जा रहा है ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके.
आइएलआई मरीजों को दवा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ कोविड पॉजिटिव व्यक्ति और उसके परिवाजनों को भी कोविड मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जा रही है. जनअनुशासन पखवाड़े के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जा रहा है. नियमों का उल्लंघन करने पर सख्ती बरती जा रही है. आमजन में कोरोना जागरूकता के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है.
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संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए ज्यादा सैंपलिंग
जिला कलेक्टर ने बताया कि धौलपुर के पड़ौसी जिलों मुरैना, ग्वालियर गरा, भरतपुर में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू है. वहां प्रतिदिन सैकड़ों केस आ रहे हैं. मृत्यु दर का आंकड़ा भी भयावह है. इन हालातों में जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कॉम्प्रिहेंशिव स्ट्रेटजी के तहत व्यापक तौर पर सैम्पलिंग कार्य करवाया गया. जिन क्षेत्रों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या अधिक मिल रही है अथवा आइएलआई के अधिक मरीज है, वहां सैम्पलिंग भी ज्यादा करवायी गई ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके.
सुखद संकेत यह है कि व्यापक तौर पर सैम्पलिंग के बावजूद संक्रमितों की संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ. सैम्पलिंग के विपरीत आने वाले संक्रमितों की संख्या के आधार पर पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत के आसपास रही है. पिछले 5 दिनों में करीब 3 हजार 660 सैम्पल लिए गए, जिनमें से 338 व्यक्ति कोविड संक्रमित पाए गए. पॉजिटिविटी दर 10.05 प्रतिशत रही.
वैक्सीनेशन पर विशेष फोकस
कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीन एक मजबूत हथियार के रूप में हमारे पास मौजूद है. इसका प्रयोग कर कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है. इसी क्रम में जिले में व्यापक तौर पर वैक्सीनेशन कार्य करवाया गया. नो वैक्सीन नो राशन जैसे कुछ कड़े फैसले भी लिए गए. जिससे आमजन को कुछ परेशानी जरूर हुई पर कोरोना संक्रमण से मानव जीवन की हानि नहीं हुई.
टीकाकरण के क्रम में बैंककर्मी, ई मित्र संचालक, रोडवेज कार्मिक, मेडिकल स्टोर संचालक, दुकानदार, पेट्रोल पंप ,गैस एजेंसी पर काम करने वाले तथा अन्य व्यक्ति जो आमतौर पर अधिक लोगों के सम्पर्क में रहते हैं, उन पर फोकस करते हुए विशेष टीकाकरण शिविर लगाकर उनका टीकाकरण करवाया.
तमाम प्रयासों का नतीजा यह रहा कि पूरे राज्य में मई महीने में संक्रमण दर के मामले में बहुत नीचे और रिकवरी दर के मामले में 130 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वैक्सीनेशन भी 60 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है.