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आम बजट 2020: धौलपुर के धरती पुत्रों को मोदी सरकार से आस, कहा...

केंद्र सरकार अपना वित्तीय बजट 1 फरवरी को पेश करेगी. ऐसे में धरती पुत्र कहे जाने वाले किसानों को मोदी सरकार किस तरह की राहत देगी, यह देखना होगा...

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धौलपुर के किसानों को मोदी सरकार से मिलेगी राहत...
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Published : Jan 31, 2020, 11:39 AM IST

धौलपुर. केंद्र सरकार की ओर पेश किए जाने वाले आम बजट 2020 को लेकर जिले के किसानों को काफी उम्मीदें दिखाई दे रही है. किसानों ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि मोदी सरकार इस बार बजट में खास पैकेज किसानों के लिए लाए.

धौलपुर के किसानों को मोदी सरकार से मिलेगी राहत...

जिले के एक किसान का कहना है कि, सरकार ने डीएपी और यूरिया से सब्सिडी खत्म कर किसानों पर भारी भार थोप दिया है. किसान जिले में सरसों, आलू, गेंहू, मटर, बाजरा, दलहन और तिलहन तक की फसल तक सिमिति रह गया है. किसानों को लागत के अनुपात में उत्पादन नहीं मिल रहा है. उसके अलावा ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बाढ़, फसल में रोग के आने से कास्तकारों को खेती से मोह भंग हो रहा है.

पढ़ेंः बजट 2020 : सरकार से ठोस कदम उठाने की आस...किसान बजट पर लगाए बैठे टकटकी

किसान रामावतार ने कहा कि, खेती में मौजूदा समय में किसान लगातार घाटे में जा रहा है. पारंपरिक खेती छोड़कर किसानों को अन्य फसलों की जानकारी नहीं है. वहीं, नगदी फसलें जानकारी के अभाव में किसान कर नहीं सकता. साथ ही कृषि विभाग की तरफ से किसानों को खेती से संबंधित जानकारी नहीं दी जाती है, जिससे किसान के हालात बदतर हो रहे हैं.

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पारंपरिक खेती से नहीं उभर रहा किसान...

जिले का किसान शुरू से ही पारंपरिक खेती में अपनी रुचि दिखाता आ रहा है. जिले में प्रमुख रुप से सरसों, गेहूं, आलू, बाजरा, दलहन, तिलहन और मक्का आदि की फसलें बोई जाती हैं. इन फसलों में लागत अधिक आती है. किसानों ने बताया बुबाई से लेकर उत्पादन हासिल करने तक का सफर बहुत लंबा होता है. इन सभी फसलों को पकाव तक पहुंचाने में करीब 3 से 4 माह तक का समय लगता है. इस दौरान किसान फसल को मंजिल तक पहुंचाने के लिए महंगे-महंगे खाद बीज और फर्टिलाइजर का प्रयोग करता है.

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कृषि विभाग नहीं दे रहा जानकारी...

दरअसल, कृषि विभाग किसानों को खेती से संबंधित बेसिक जानकारी देने में नाकाम साबित हो रहा है. अगर किसानों को इन फसलों के संरक्षण और रख-रखाव की माकूल जानकारी हो, तो इन फसलों से भी भारी मुनाफा कमाया जा सकता है. नगदी फसलों में किसान की रुचि कम दिखाई दे रही है. नगदी फसलें, जिनमें मिर्च, गाजर, मशरूम, शलजम, प्याज, गोभी, बंदगोबी और खीरा आदि फसलों की बेसिक जानकारी नहीं होने पर किसान का मोहभंग हो रहा है.

पढ़ेंः Budget 2020: आम बजट में महिलाओं को है ये बड़ी उम्मीदें, कहा- सरकार को इस पर करना चाहिए काम

ऐसे में किसानों ने मोदी सरकार के बजट से राहत की भारी उम्मीद की है. किसानों ने कहा धरती पुत्र के ऊपर ही देश की अर्थव्यवस्था निर्भर है. अगर देश को सुदृढ़ करना है तो देश के किसान को भी मजबूत और सशक्त बनाना होगा.

धौलपुर. केंद्र सरकार की ओर पेश किए जाने वाले आम बजट 2020 को लेकर जिले के किसानों को काफी उम्मीदें दिखाई दे रही है. किसानों ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि मोदी सरकार इस बार बजट में खास पैकेज किसानों के लिए लाए.

धौलपुर के किसानों को मोदी सरकार से मिलेगी राहत...

जिले के एक किसान का कहना है कि, सरकार ने डीएपी और यूरिया से सब्सिडी खत्म कर किसानों पर भारी भार थोप दिया है. किसान जिले में सरसों, आलू, गेंहू, मटर, बाजरा, दलहन और तिलहन तक की फसल तक सिमिति रह गया है. किसानों को लागत के अनुपात में उत्पादन नहीं मिल रहा है. उसके अलावा ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बाढ़, फसल में रोग के आने से कास्तकारों को खेती से मोह भंग हो रहा है.

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किसान रामावतार ने कहा कि, खेती में मौजूदा समय में किसान लगातार घाटे में जा रहा है. पारंपरिक खेती छोड़कर किसानों को अन्य फसलों की जानकारी नहीं है. वहीं, नगदी फसलें जानकारी के अभाव में किसान कर नहीं सकता. साथ ही कृषि विभाग की तरफ से किसानों को खेती से संबंधित जानकारी नहीं दी जाती है, जिससे किसान के हालात बदतर हो रहे हैं.

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पारंपरिक खेती से नहीं उभर रहा किसान...

जिले का किसान शुरू से ही पारंपरिक खेती में अपनी रुचि दिखाता आ रहा है. जिले में प्रमुख रुप से सरसों, गेहूं, आलू, बाजरा, दलहन, तिलहन और मक्का आदि की फसलें बोई जाती हैं. इन फसलों में लागत अधिक आती है. किसानों ने बताया बुबाई से लेकर उत्पादन हासिल करने तक का सफर बहुत लंबा होता है. इन सभी फसलों को पकाव तक पहुंचाने में करीब 3 से 4 माह तक का समय लगता है. इस दौरान किसान फसल को मंजिल तक पहुंचाने के लिए महंगे-महंगे खाद बीज और फर्टिलाइजर का प्रयोग करता है.

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कृषि विभाग नहीं दे रहा जानकारी...

दरअसल, कृषि विभाग किसानों को खेती से संबंधित बेसिक जानकारी देने में नाकाम साबित हो रहा है. अगर किसानों को इन फसलों के संरक्षण और रख-रखाव की माकूल जानकारी हो, तो इन फसलों से भी भारी मुनाफा कमाया जा सकता है. नगदी फसलों में किसान की रुचि कम दिखाई दे रही है. नगदी फसलें, जिनमें मिर्च, गाजर, मशरूम, शलजम, प्याज, गोभी, बंदगोबी और खीरा आदि फसलों की बेसिक जानकारी नहीं होने पर किसान का मोहभंग हो रहा है.

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ऐसे में किसानों ने मोदी सरकार के बजट से राहत की भारी उम्मीद की है. किसानों ने कहा धरती पुत्र के ऊपर ही देश की अर्थव्यवस्था निर्भर है. अगर देश को सुदृढ़ करना है तो देश के किसान को भी मजबूत और सशक्त बनाना होगा.

Intro:केंद्र सरकार की ओर पेश किये जाने वाले आम बजट 2020 को लेकर धौलपुर जिले के किसानों को आशा की भारी उम्मीदें दिखाई दे।  किसानों ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा है। मोदी सरकार इस बार बजट में ख़ास पैकेज किसानों के लिए लाये। जिससे किसानों को लाभ मिल सके। देश की अर्थ व्यबस्था में कृषि अहम् भूमिका मानी जाती है। केंद्र सरकार की तरफ से पेश होने वाले बजट में किसानों को भारी पॅकेज या बिशेष पॉलिसी की उम्मीद दिखाई दे रही है। 





Body:ईटीवी भारत की टीम ने जिले के आधा दर्जन गावों का दौरा कर किसानों के विचार बजट पर साझा किये है। किसान विनीत कुमार शर्मा ने बताया कि खेती मौजूदा समय घाटे का सौदा बनती जा रही है। सरकार ने डीएपी और यूरिया से सब्सिटी खत्म कर किसानों पर भारी भार थोप दिया। किसान जिले में सरसों,आलू,गेंहू,मटर.बाजरा,दलहन और तिलहन तक की फसल तक सिमिति रह गया है। पारम्परिक खेती मौजूदा समय में घाटे का सौदा बन रही है। किसानों को लागत के अनुपात में उत्पादन नहीं मिल रहा है। उसके अलावा ओलावृष्टि,अतिवृष्टि,बाढ़,फसल में रोग के आने से कास्तकारों को खेती से मोह भंग हो रहा है। किसान रामावतार ने कहा खेती में मोजुदा समय में किसान लगातार घाटा जा रहा है। पारम्परिक खेती  छोड़कर किसानों को अन्य फसलों की जानकारी नहीं है। नगदी फसलें जानकारी के अभाव में किसान कर नहीं सकता।कृषि विभाग की तरफ से किसानों को खेती से संबंधित जानकारी नहीं मिल जाती है। जिससे किसान के हालात बदतर हो रहे है। किसान सामलिया ने बताया केंद्र सरकार आम बजट 2020 पेश करने वाली है। जिसमे किसानों को सरकार द्वारा बिशेष पैकेज की व्यबस्था करनी चाहिए। उसके साथ ही मौसम की मार से फसल बर्बाद होने पर किसानों के लिए उचित मुआवजा राशि प्रबंध करना चाहिए। किसान सरपंच हरिओम परमार ने बताया मोदी सरकार के बजट से धरतीपुत्र को भारी उम्मीद है। सरकार को गंभीर होकर किसानों के लिए दैवीय आपदा आने पर स्पेशल मुआबजे की व्यबस्था की पोलिसी तैयार करनी चाहिए। वही सरकार समर्थन मूल्य में बदलाव कर ऐसी पॉलिसी बनाये जिससे किसानों के माल की कालाबाजरी नहीं हो। किसान को मंडी में लाभ नहीं मिलता है। मंडी में बड़े व्यापारी मोटा मुनाफा उठा रहे है। इस पर केंद्र सरकार को गंभीर होकर ठोस कदम उठाने चाहिए। कुल मिलाकर मोदी सरकार को धरतीपुत्र की तरफ देखकर विशेष पैकेज की व्यवस्था करनी चाहिए.

पारंपरिक खेती से नहीं उभर रहा धोलपुर का किसान

धौलपुर जिले का किसान शुरू से ही पारंपरिक खेती में अपनी रुचि दिखा था आ रहा है. धौलपुर जिले में प्रमुख रुप से सरसों गेहूं आलू बाजरा दलहन तिलहन मक्का द्वार द्वार आदि फसलें की जाती है. इन फसलों में लागत अधिक आती है. किसानों ने बताया बुबाई से लेकर उत्पादन हासिल करने तक का सफर बहुत लंबा होता है. इन सभी फसलों को पकाव तक पहुंचाने में करीब 3 से 4 माह तक का समय लगता है. इस दौरान किसान फसल को मंजिल तक पहुंचाने के लिए महंगे महंगे खाद बीज एवं फर्टिलाइजर का प्रयोग करता है. इस दौरान बीच में अगर दैवीय आपदा आ जाए तो किसान के नसीब पर तुषार पड़ जाता है. लिहाजा ये फसलें अब किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है. इसका मुख्य कारण यही माना जा रहा है कि कृषि विभाग किसानों को खेती से संबंधित बेसिक जानकारी देने में नाकाम साबित हो रहा है. अगर किसानों को इन फसलों के संरक्षण और रखरखाव की माकूल जानकारी हो,तो इन फसलों से भी भारी मुनाफा कमाया जा सकता है. नगदी फसलों में किसान की रुचि कम दिखाई दे रही है. नगदी फसलें जिनमें मिर्च गाजर मशरूम शलजम प्याज गोभी बंदगोबी खीरा आदि फसलों की बेसिक जानकारी नहीं होने पर किसान का मोहभंग हो रहा है.


Conclusion:ऐसे में किसानों ने मोदी सरकार के बजट से राहत की भारी उम्मीद की है. किसानों ने कहा धरतीपुत्र के ऊपर ही देश की अर्थव्यवस्था के की है. अगर देश को सुदृढ़ करना है तो देश के किसान को भी मजबूत और सुदृढ़ करना होगा.
1,Byte:- विनीत शर्मा, किसान
2,Byte:- हरिओम परमार सरपंच, किसान
3,Byte:- सांवलिया राम, किसान
4,Byte:- राम अवतार, किसान
Report:-
Neeraj Sharma
Dholpur
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