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सात समंदर पार से आए विदेशी पक्षियों ने डाला धौलपुर में डेरा, वन्यजीव प्रेमी कर रहे अठखेलियों को कैमरे में कैद - चंबल नदी तट पर इंडियन स्किमर

हर साल की तरह इस साल भी भारी संख्या में विदेशी पक्षियों का (Foreign birds encamped in Dholpur) धौलपुर आने का सिलसिला जारी है. ये विदेशी मेहमान जिले के चंबल क्षेत्र समेत अन्य इलाकों के जलाशयों के इर्द-गिर्द अपना डेरा डाले हैं. जहां इन पक्षियों की अठखेलियों को देखने व तस्वीरों को कैमरे में कैद करने के लिए पर्यटकों के साथ ही वन्यजीव प्रेमी भी पहुंच रहे हैं.

Camp of foreign birds in Dholpur
Camp of foreign birds in Dholpur
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Published : Jan 4, 2023, 1:20 PM IST

धौलपुर. एक ओर जिले में सर्दी का सितम जारी है. लोग ठंड से बचने (Camp of foreign birds in Dholpur) के लिए घरों में दुबके बैठे हैं. इसी बीच सात समंदर पार कर हजारों प्रवासी पक्षी चंबल नदी के तट तक पहुंच रहे हैं. जिले के चंबल क्षेत्र के अन्य जलाशयों के इर्द-गिर्द भी इन प्रवासी पक्षियों का घना बसेरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना (wildlife lovers taking pictures) हुआ है. एक वन्यजीव प्रेमी ने विदेशी पक्षियों की तस्वीरें क्लिक कर ईटीवी भारत को मुहैया कराई.

क्षेत्र के इन जलाशयों पर डाला डेरा: वन्यजीव प्रेमी मुन्ना निषाद ने बताया कि जिले में इन दिनों चंबल नदी, तालाब-ए-शाही, निभी का ताल, हुसैन सागर, वन विहार, बिश्नोई का ताला, रामसागर, उर्मिला सागर और आंगई बांध समेत आठ अन्य जलाशयों के किनारे इस बार हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी (Foreign birds Camp near Chambal river) पहुंच रहे हैं. जिसमें मुख्य रूप से पेंटेड स्टॉर्क, इंडियन स्कीमर, ईगल, किंगफिशर, ब्लैक बेली ट्रेन, बार हैडेड गूज, ग्रे हैरोन, ग्रे लेग्ड गूज, शाफ्ट शेल टर्टल, आइबिस, पेलकिन, लिटिल ग्रीव, कॉमन कूट, पोचार्ड आदि प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं.

Camp of foreign birds in Dholpur
धौलपुर में विदेशी मेहमान

इसे भी पढ़ें - Keoladeo National Park: 250 प्रजाति के हजारों पक्षियों से आबाद हुआ घना, हर तरफ गूंजने लगी चहचहाट

अपने कुनबे के साथ पहुंचे विदेशी मेहमान: उन्होंने बताया कि चंबल नदी तट पर इंडियन स्किमर को भी देखा गया है. स्किमर अपने कुनबे के साथ यहां पहुंचे हैं. देशी भाषा में इन्हें पनचीरा के नाम से भी जाना जाता है. इंडियन स्कीमर की चोंच उसके शरीर का सबसे आकर्षक हिस्सा होता है. इसकी चोंच लंबी, मोटी, गहरी नारंगी और सिरे से हल्के पीले रंग की होती है. निषाद ने बताया कि जिले में चंबल और ताल-बांधों के किनारे दो दर्जन से अधिक दुर्लभ प्रजातियों के विदेशी पक्षियों ने डेरा डाला है. जिससे जिले की सुंदरता को चार चांद लग गए हैं.

Camp of foreign birds in Dholpur
नदी किनारे मनोरम अठखेलियां

नदी किनारे मनोरम अठखेलियां : पक्षियों के साथ ही जलीय जीवों की अठखेलियां भी यहां आने वाले लोगों को खासा आकर्षित कर रही हैं. चंबल नदी में धूप निकलने पर विदेशी पक्षी घड़ियाल और मगरमच्छ की पीठ पर बैठकर नाना तरह की क्रीड़ा करते दिखते हैं. साथ ही नदी किनारे बैठकर ये पक्षी मछलियों का शिकार भी कर रहे हैं. जिसके दृश्य सभी को रोमांचित कर रहे हैं. निषाद ने बताया चंबल नदी में मछलियों की कोई कमी नहीं है. यही कारण है कि विदेशी पक्षी यहां शिकार के लिए पहुंच रहे हैं. मार्च के महीने तक इनका यहां पड़ाव रहेगा. इसके बाद ये अपने वतन को लौट जाएंगे.

Camp of foreign birds in Dholpur
Camp of foreign birds in Dholpur

वन्यजीव प्रेमी उठा रहे लुत्फ : जिले में विदेशी पक्षियों के आगमन का वन्यजीव प्रेमी जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. नदी समेत सभी जलाशयों पर वन्यजीव प्रेमी अपने कैमरों के साथ पहुंच रहे हैं और जमकर तस्वीरें क्लिक कर रहे हैं.

धौलपुर. एक ओर जिले में सर्दी का सितम जारी है. लोग ठंड से बचने (Camp of foreign birds in Dholpur) के लिए घरों में दुबके बैठे हैं. इसी बीच सात समंदर पार कर हजारों प्रवासी पक्षी चंबल नदी के तट तक पहुंच रहे हैं. जिले के चंबल क्षेत्र के अन्य जलाशयों के इर्द-गिर्द भी इन प्रवासी पक्षियों का घना बसेरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना (wildlife lovers taking pictures) हुआ है. एक वन्यजीव प्रेमी ने विदेशी पक्षियों की तस्वीरें क्लिक कर ईटीवी भारत को मुहैया कराई.

क्षेत्र के इन जलाशयों पर डाला डेरा: वन्यजीव प्रेमी मुन्ना निषाद ने बताया कि जिले में इन दिनों चंबल नदी, तालाब-ए-शाही, निभी का ताल, हुसैन सागर, वन विहार, बिश्नोई का ताला, रामसागर, उर्मिला सागर और आंगई बांध समेत आठ अन्य जलाशयों के किनारे इस बार हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी (Foreign birds Camp near Chambal river) पहुंच रहे हैं. जिसमें मुख्य रूप से पेंटेड स्टॉर्क, इंडियन स्कीमर, ईगल, किंगफिशर, ब्लैक बेली ट्रेन, बार हैडेड गूज, ग्रे हैरोन, ग्रे लेग्ड गूज, शाफ्ट शेल टर्टल, आइबिस, पेलकिन, लिटिल ग्रीव, कॉमन कूट, पोचार्ड आदि प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं.

Camp of foreign birds in Dholpur
धौलपुर में विदेशी मेहमान

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अपने कुनबे के साथ पहुंचे विदेशी मेहमान: उन्होंने बताया कि चंबल नदी तट पर इंडियन स्किमर को भी देखा गया है. स्किमर अपने कुनबे के साथ यहां पहुंचे हैं. देशी भाषा में इन्हें पनचीरा के नाम से भी जाना जाता है. इंडियन स्कीमर की चोंच उसके शरीर का सबसे आकर्षक हिस्सा होता है. इसकी चोंच लंबी, मोटी, गहरी नारंगी और सिरे से हल्के पीले रंग की होती है. निषाद ने बताया कि जिले में चंबल और ताल-बांधों के किनारे दो दर्जन से अधिक दुर्लभ प्रजातियों के विदेशी पक्षियों ने डेरा डाला है. जिससे जिले की सुंदरता को चार चांद लग गए हैं.

Camp of foreign birds in Dholpur
नदी किनारे मनोरम अठखेलियां

नदी किनारे मनोरम अठखेलियां : पक्षियों के साथ ही जलीय जीवों की अठखेलियां भी यहां आने वाले लोगों को खासा आकर्षित कर रही हैं. चंबल नदी में धूप निकलने पर विदेशी पक्षी घड़ियाल और मगरमच्छ की पीठ पर बैठकर नाना तरह की क्रीड़ा करते दिखते हैं. साथ ही नदी किनारे बैठकर ये पक्षी मछलियों का शिकार भी कर रहे हैं. जिसके दृश्य सभी को रोमांचित कर रहे हैं. निषाद ने बताया चंबल नदी में मछलियों की कोई कमी नहीं है. यही कारण है कि विदेशी पक्षी यहां शिकार के लिए पहुंच रहे हैं. मार्च के महीने तक इनका यहां पड़ाव रहेगा. इसके बाद ये अपने वतन को लौट जाएंगे.

Camp of foreign birds in Dholpur
Camp of foreign birds in Dholpur

वन्यजीव प्रेमी उठा रहे लुत्फ : जिले में विदेशी पक्षियों के आगमन का वन्यजीव प्रेमी जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. नदी समेत सभी जलाशयों पर वन्यजीव प्रेमी अपने कैमरों के साथ पहुंच रहे हैं और जमकर तस्वीरें क्लिक कर रहे हैं.

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