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अंधा-विश्वास : सांप के डंसने से पिता-पुत्र की मौत, झाड़ फूंक के लिए शवों काे लेकर घूमते रहे परिजन

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Published : Sep 14, 2020, 8:48 AM IST

धौलपुर में दो अलग-अलग समय में पिता पुत्र की सांप काटने से मौत हो गई. वहीं परिजन मृतकों के शव को जिला अस्पताल से झाड़-फूंक करने के लिए उठाकर ले गए.

धौलपुर न्यूज, snake bite treatment
सांप काटने से पिता-पुत्र की मौत

धाैलपुर. जिले के गांव दरियापुर में एक पिता-पुत्र को सांप ने डस लिया. जिससे दोनों की मौत हो गई. पहले पिता को सांप ने कान के पास काटा, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. वहीं बाद में सांप ने बेटे को डस लिया.

बता दें कि गाैरव काॅलाेनी गांव दरियापुर निवासी महेश को सांप ने कान में काट लिया. जिसके बाद महेश नींद से जागा और सांप से चिपटे सांप को फेंक दिया. इस पर वन विभाग की टीम भी माैके पर पहुंची और घर में सांप की तलाश शुरू की लेकिन अंधेरा हाेने पर सांप काे नहीं पकड़ पाई और सुबह आने की कहकर टीम लाैट गई. ऐसे में महेश का बेटा सुबह शाैच के लिए गया ताे उसे भी सांप ने डंस लिया.

सांप काटने से पिता-पुत्र की मौत

वन विभाग की टीम ने की सांप की तलाश

वन विभाग के रेस्क्यू इंचार्ज राधा कृष्ण ने बताया कि पिता पुत्र के सांप के काटने की घटना रविवार सुबह की है लेकिन किसी ने दिन में सूचना नहीं दी. देर रात काे सूचना मिलने पर पहुंचे ताे सांप काे काफी तलाशा लेकिन नजर नहीं आया. मृतक के घर के पास झाडियां हैं. ऐसे में सांप काे रात में ढूंढना मुश्किल है.

यह भी पढ़ें. बाजरे की फसल को बर्बाद कर रहा कैटरपिलर, किसानों ने की मुआवजे की मांग

वहीं आसपास के लाेगाें ने बताया कि जब पिता काे सांप ने डंसा था, तब तबियत ऐसी खराब नहीं थी. अगर उसी वक्त अस्पताल में इलाज मिल जाता ताे जान बच जाती लेकिन झांड-फूंक के चक्कर में महेश की माैत हाे गई. परिजन सांप काटने पर पिता काे ग्वालियर ले जाने के लिए रवाना हुए ही थे कि उसकी माैत हाे गई.

घटना की सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस एएसआई मुकेश जाब्ता के साथ माैके पर पहुंचे और मृतकाें के शवाें काे जिला अस्पताल पहुंचाने के बाद कार्रवाई शुरू की लेकिन परिजन दोनों के शव को फिर से झाड़-फूंक के लिए उठाकर ले गए. बता दें कि इस सीजन में वन विभाग की टीम ने अब तक 15 से 16 काेबरा सांप पकड़ कर जंगल में छोड़ा है.

ये होते हैं लक्षण

बता दें कि विषैले सांप के काटने पर इंसान को सांस लेने में दिक्कत होती है, थोड़ी देर में नक्सीर (Hemorrhage) फूट जाती है. जो कम विषैले सांप होते हैं, उनके काटने से इंसान को चक्कर आता है और बीमार पड़ने के बाद चार पांच दिनों में उसकी मौत हो जाती है.

ऐसे करें उपचार

यदि किसी को सांप काट ले तो उसे बचाने का सबसे आसान तरीका यह है कि सांप के काटे स्थान से थोड़ा हटकर बांध कसकर बांध दे. ब्लेड आदि से चीरा लगाकर कटे स्थान को दबाकर विषैला रक्त निकालने का प्रयास करना चाहिए और उसको तत्काल निकटतम चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए. मरीज को जगाए रखने का प्रयास करना चाहिए और नींद आने पर उसे चाय देनी चाहिए.

यह भी पढ़ें. जैसलमेर में भीषण सड़क हादसा...3 लोगों की मौत, 6 घायल

ऐसा बिल्कुल न करें

सांप काटने से डरे नहीं. भाग दौड़ न करें, इससे रक्त संचार तेज हो जाता है और विष तेजी से फैलता है. सांप के डसने पर सोना नहीं चाहिए. जिला अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. समरवीर सिंह ने बताया कि सर्प के काटने पर मरीज के परिजनों को झाड़फूक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. इसके स्थान पर मरीज को तत्काल ही निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए.

धाैलपुर. जिले के गांव दरियापुर में एक पिता-पुत्र को सांप ने डस लिया. जिससे दोनों की मौत हो गई. पहले पिता को सांप ने कान के पास काटा, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. वहीं बाद में सांप ने बेटे को डस लिया.

बता दें कि गाैरव काॅलाेनी गांव दरियापुर निवासी महेश को सांप ने कान में काट लिया. जिसके बाद महेश नींद से जागा और सांप से चिपटे सांप को फेंक दिया. इस पर वन विभाग की टीम भी माैके पर पहुंची और घर में सांप की तलाश शुरू की लेकिन अंधेरा हाेने पर सांप काे नहीं पकड़ पाई और सुबह आने की कहकर टीम लाैट गई. ऐसे में महेश का बेटा सुबह शाैच के लिए गया ताे उसे भी सांप ने डंस लिया.

सांप काटने से पिता-पुत्र की मौत

वन विभाग की टीम ने की सांप की तलाश

वन विभाग के रेस्क्यू इंचार्ज राधा कृष्ण ने बताया कि पिता पुत्र के सांप के काटने की घटना रविवार सुबह की है लेकिन किसी ने दिन में सूचना नहीं दी. देर रात काे सूचना मिलने पर पहुंचे ताे सांप काे काफी तलाशा लेकिन नजर नहीं आया. मृतक के घर के पास झाडियां हैं. ऐसे में सांप काे रात में ढूंढना मुश्किल है.

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वहीं आसपास के लाेगाें ने बताया कि जब पिता काे सांप ने डंसा था, तब तबियत ऐसी खराब नहीं थी. अगर उसी वक्त अस्पताल में इलाज मिल जाता ताे जान बच जाती लेकिन झांड-फूंक के चक्कर में महेश की माैत हाे गई. परिजन सांप काटने पर पिता काे ग्वालियर ले जाने के लिए रवाना हुए ही थे कि उसकी माैत हाे गई.

घटना की सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस एएसआई मुकेश जाब्ता के साथ माैके पर पहुंचे और मृतकाें के शवाें काे जिला अस्पताल पहुंचाने के बाद कार्रवाई शुरू की लेकिन परिजन दोनों के शव को फिर से झाड़-फूंक के लिए उठाकर ले गए. बता दें कि इस सीजन में वन विभाग की टीम ने अब तक 15 से 16 काेबरा सांप पकड़ कर जंगल में छोड़ा है.

ये होते हैं लक्षण

बता दें कि विषैले सांप के काटने पर इंसान को सांस लेने में दिक्कत होती है, थोड़ी देर में नक्सीर (Hemorrhage) फूट जाती है. जो कम विषैले सांप होते हैं, उनके काटने से इंसान को चक्कर आता है और बीमार पड़ने के बाद चार पांच दिनों में उसकी मौत हो जाती है.

ऐसे करें उपचार

यदि किसी को सांप काट ले तो उसे बचाने का सबसे आसान तरीका यह है कि सांप के काटे स्थान से थोड़ा हटकर बांध कसकर बांध दे. ब्लेड आदि से चीरा लगाकर कटे स्थान को दबाकर विषैला रक्त निकालने का प्रयास करना चाहिए और उसको तत्काल निकटतम चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए. मरीज को जगाए रखने का प्रयास करना चाहिए और नींद आने पर उसे चाय देनी चाहिए.

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ऐसा बिल्कुल न करें

सांप काटने से डरे नहीं. भाग दौड़ न करें, इससे रक्त संचार तेज हो जाता है और विष तेजी से फैलता है. सांप के डसने पर सोना नहीं चाहिए. जिला अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. समरवीर सिंह ने बताया कि सर्प के काटने पर मरीज के परिजनों को झाड़फूक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. इसके स्थान पर मरीज को तत्काल ही निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए.

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