धौलपुर. नीति आयोग की ओर से चयनित आशान्वित जिले के 2 वर्ष पूर्ण होने पर जिला प्रशासन और महिला अधिकारिता विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया. 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना के अन्तर्गत होने वाले इस कार्यक्रम में बेटियों का जन्मोत्सव भी मनाया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कि हम सबको नए समाज की स्थापना करने के लिए बेटियों को पढ़ाना अत्यन्त आवश्यक है. उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और उन्हें आत्मरक्षा के लिए सशक्त बनाने, उन्हें अपने अधिकारों और कानून के बारे में सजग करने और महिला अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.
प्रत्येक स्कूल में एक-एक महिला आत्मरक्षा समन्वयक की नियुक्ति विद्यालय के ही स्टाफ से की गई है. महिला और बालिकाओं के साथ कोई घटना घटित होने पर इसकी सूचना व्हाट्स एप के माध्यम से मिलने के साथ ही पुलिस विभाग की ओर से बनाए गए महिला ब्लैक कैट कमांडो और स्कूटी दल तुरन्त मौके पर पहुंचकर सुरक्षा प्रदान करेंगे. लुपिन फाउण्डेशन और बैंकों की ओर से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए अचार, पापड़, भुजिया और सिघाड़े का आटा बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं स्व रोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकेंगी.
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बसेड़ी में लुपिन फाउण्डेशन की ओर से महिलाओं के लिए सिलाई और कड़ाई प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामरज मीना ने कहा कि दहेज लेना और दहेज देना कानूनन अपराध है. महिलाओं को विशेष तौर पर अपनी बच्चियों को पढ़ाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है. अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी चेतराम मीना ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है. सभी बच्चों का टीकाकरण अनिवार्य है. इसलिए सभी महिलाएं अपने बच्चों का टीकाकरण आवश्यक रूप से कराएं.