बसेड़ी, (धौलपुर). शुक्रवार को चंबल नदी में उफान आने के कारण झिरी सहित मदनपुर पंचायत के दस गांव प्रभावित हो गए. झिरी में 23 बर्ष बाद निचली बस्ती तक पानी पहुंच गया. जिससे करीब 25 घर पानी में डूब गए. वही बस स्टैंण्ड पर दो फीट पानी जमा हो गया. जिसके कारण लोग चितिंत दिखाई दिए. शनिवार दोपहर बाद चंबल नदी का पानी उतरने लगा. जिसेके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
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बता दें कि शुक्रवार रात्रि को झिरी के घरों में पानी भरना शुरू हुआ. जिसके कारण लोगों में उथल पुथल शुरू हो गई. लोगों ने घरों में से सामान निकालना शुरू कर दिया. साथ ही सुरक्षित स्थान की तलाश करने लग गए. चंबल नदी के उफान से पंचायत के आठ गांव प्रभावित हो गए. जिसका पंचायत हैडक्वाटर से बिल्कुल संपर्क कट गया. शंकरपुर के रास्ते में 20 फीट तक पानी जमा हो गया है. जिससे लोगों का निकलना बंद हो गया है. ग्रामीण घरों में कैद हो गए है.
बता दें कि झिरी व मदनपुर के गांवो तक चंबल का पानी पहुंचते ही प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हो गए. तहसीलदार ब्रजेश मंगल ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर लोगो से सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील की. झिरी सरपंच प्रतिनिधि संजूसिह जादौन ने बताया कि 23 साल बाद चंबल नदी का भीषण रूप देखने को मिला है. झिरी गांव के मुस्लिम समाज की तकिया व धोबी बस्ती तक पानी जमा हो गया है. वही शंकरपुर, हल्लूकापुरा, पनावती, रूधकापुरा, भगतकापुरा, जारौला सहित खिल्लाडाडा से पंचायत हैडक्वाटर का संपर्क कट गया है. वहीं मदनपुर पंचायत के कारीतीर गांव में पानी भरने के कारण लोगों ने टीलो पर शरण ली है.
साथ ही नदी में उफान के कारण किसानों ने फसल में नुकसान होने का अंदेशा जताया है. सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि झिरी पंचायत में चंबल नदी के किनारे करीब तीन हजार हैक्टेयर भूमि में फसल की बुआई की थी. जिसमें मुख्यतः तिलहन व बाजरा की फसल थी. लेकिन अचानक चंबल नदी में उफान आने के बाद किसान फसल को लेकर चिंतिंत दिखाई दे रहे हैं. जबकि खेतों में 20-20 फीट तक पानी भरा हुआ है.