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धौलपुर: चंबल नदी में आया उफान, झिरी और मदनपुर के दस गांवों में जलभराव की स्थिति

धौलपुर में कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोडने के बाद उफान आ गया है. जिससे सरमथुरा उपखंड के 10 गांव प्रभावित हुए है. सरमथुरा की झिरी पंचायत में आठ गांवो में रास्ता बंद हो गया है. वहीं मदनपुर पंचायत की कारीतीर गांव में पानी आने के कारण लोग टीलों पर शरण लिए हुए है. एतिहायत के तौर पर झिरी की निचली बस्ती में पानी भरने के कारण लोगों नें सुरक्षित स्थान पर शरण ली हुई है. लेकिन शनिवार शाम को चंबल नदी उतार पर पहुंच गई है. जिससे लोगों नें राहत की सांस ली है.

Turbulence in Chambal river, चंबल नदी में उफान, Jhiri and Madanpur affected
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Published : Aug 17, 2019, 8:31 PM IST

बसेड़ी, (धौलपुर). शुक्रवार को चंबल नदी में उफान आने के कारण झिरी सहित मदनपुर पंचायत के दस गांव प्रभावित हो गए. झिरी में 23 बर्ष बाद निचली बस्ती तक पानी पहुंच गया. जिससे करीब 25 घर पानी में डूब गए. वही बस स्टैंण्ड पर दो फीट पानी जमा हो गया. जिसके कारण लोग चितिंत दिखाई दिए. शनिवार दोपहर बाद चंबल नदी का पानी उतरने लगा. जिसेके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

झिरी व मदनपुर के दस गांव हुए प्रभावित

यह भी पढ़ें: BJP में शामिल हुए AAP के 'बागी' कपिल मिश्रा, CM केजरीवाल पर साधा निशाना

बता दें कि शुक्रवार रात्रि को झिरी के घरों में पानी भरना शुरू हुआ. जिसके कारण लोगों में उथल पुथल शुरू हो गई. लोगों ने घरों में से सामान निकालना शुरू कर दिया. साथ ही सुरक्षित स्थान की तलाश करने लग गए. चंबल नदी के उफान से पंचायत के आठ गांव प्रभावित हो गए. जिसका पंचायत हैडक्वाटर से बिल्कुल संपर्क कट गया. शंकरपुर के रास्ते में 20 फीट तक पानी जमा हो गया है. जिससे लोगों का निकलना बंद हो गया है. ग्रामीण घरों में कैद हो गए है.

बता दें कि झिरी व मदनपुर के गांवो तक चंबल का पानी पहुंचते ही प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हो गए. तहसीलदार ब्रजेश मंगल ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर लोगो से सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील की. झिरी सरपंच प्रतिनिधि संजूसिह जादौन ने बताया कि 23 साल बाद चंबल नदी का भीषण रूप देखने को मिला है. झिरी गांव के मुस्लिम समाज की तकिया व धोबी बस्ती तक पानी जमा हो गया है. वही शंकरपुर, हल्लूकापुरा, पनावती, रूधकापुरा, भगतकापुरा, जारौला सहित खिल्लाडाडा से पंचायत हैडक्वाटर का संपर्क कट गया है. वहीं मदनपुर पंचायत के कारीतीर गांव में पानी भरने के कारण लोगों ने टीलो पर शरण ली है.

साथ ही नदी में उफान के कारण किसानों ने फसल में नुकसान होने का अंदेशा जताया है. सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि झिरी पंचायत में चंबल नदी के किनारे करीब तीन हजार हैक्टेयर भूमि में फसल की बुआई की थी. जिसमें मुख्यतः तिलहन व बाजरा की फसल थी. लेकिन अचानक चंबल नदी में उफान आने के बाद किसान फसल को लेकर चिंतिंत दिखाई दे रहे हैं. जबकि खेतों में 20-20 फीट तक पानी भरा हुआ है.

बसेड़ी, (धौलपुर). शुक्रवार को चंबल नदी में उफान आने के कारण झिरी सहित मदनपुर पंचायत के दस गांव प्रभावित हो गए. झिरी में 23 बर्ष बाद निचली बस्ती तक पानी पहुंच गया. जिससे करीब 25 घर पानी में डूब गए. वही बस स्टैंण्ड पर दो फीट पानी जमा हो गया. जिसके कारण लोग चितिंत दिखाई दिए. शनिवार दोपहर बाद चंबल नदी का पानी उतरने लगा. जिसेके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

झिरी व मदनपुर के दस गांव हुए प्रभावित

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बता दें कि शुक्रवार रात्रि को झिरी के घरों में पानी भरना शुरू हुआ. जिसके कारण लोगों में उथल पुथल शुरू हो गई. लोगों ने घरों में से सामान निकालना शुरू कर दिया. साथ ही सुरक्षित स्थान की तलाश करने लग गए. चंबल नदी के उफान से पंचायत के आठ गांव प्रभावित हो गए. जिसका पंचायत हैडक्वाटर से बिल्कुल संपर्क कट गया. शंकरपुर के रास्ते में 20 फीट तक पानी जमा हो गया है. जिससे लोगों का निकलना बंद हो गया है. ग्रामीण घरों में कैद हो गए है.

बता दें कि झिरी व मदनपुर के गांवो तक चंबल का पानी पहुंचते ही प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हो गए. तहसीलदार ब्रजेश मंगल ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर लोगो से सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील की. झिरी सरपंच प्रतिनिधि संजूसिह जादौन ने बताया कि 23 साल बाद चंबल नदी का भीषण रूप देखने को मिला है. झिरी गांव के मुस्लिम समाज की तकिया व धोबी बस्ती तक पानी जमा हो गया है. वही शंकरपुर, हल्लूकापुरा, पनावती, रूधकापुरा, भगतकापुरा, जारौला सहित खिल्लाडाडा से पंचायत हैडक्वाटर का संपर्क कट गया है. वहीं मदनपुर पंचायत के कारीतीर गांव में पानी भरने के कारण लोगों ने टीलो पर शरण ली है.

साथ ही नदी में उफान के कारण किसानों ने फसल में नुकसान होने का अंदेशा जताया है. सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि झिरी पंचायत में चंबल नदी के किनारे करीब तीन हजार हैक्टेयर भूमि में फसल की बुआई की थी. जिसमें मुख्यतः तिलहन व बाजरा की फसल थी. लेकिन अचानक चंबल नदी में उफान आने के बाद किसान फसल को लेकर चिंतिंत दिखाई दे रहे हैं. जबकि खेतों में 20-20 फीट तक पानी भरा हुआ है.

Intro:कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोडने के बाद उफान आ गया है। जिससे सरमथुरा उपखंड के 10 गांव प्रभावित हुए है। सरमथुरा की झिरी पंचायत में आठ गांवो में रास्ता बंद हो गया है वही मदनपुर पंचायत की कारीतीर गांव में पानी आने के कारण लोग टीलो पर शरण लिए हुए है। एतिहायत के तौर पर झिरी की निचली बस्ती में पानी भरने के कारण लोगो ने सुरक्षित स्थान पर शरण ली हुई है। लेकिन शनिवार शाम को चंबल नदी उतार पर पहुॅच गई है जिससे लोगो ने राहत की सांस ली है।Body:बसेडी(धौलपुर)। शुक्रवार को चंबल नदी में उफान आने के कारण झिरी सहित मदनपुर पंचायत के दस गांव प्रभावित हो गए। झिरी में 23 बर्ष बाद निचली बस्ती तक पानी पहुॅच गया जिससे करीब 25 घर पानी में डूब गए। वही बस स्टैंण्ड पर दो फीट पानी जमा हो गया। जिससे लोग चितिंत दिखाई दिए। शनिवार दोपहर बाद चंबल नदी का पानी उतरने लगा जिसे देख लोगो ने राहत की सांस ली। शुक्रवार रात्रि को झिरी के घरो में पानी भरना शुरू हुआ तो लोगो में उथल पुथल शुरू हो गई। लोगो ने घरो में से सामान निकालना शुरू कर दिया। साथ ही सुरक्षित स्थान की तलाश करने लग गए। चंबल नदी के उफान से पंचायत के आठ गांव प्रभावित हो गए। जिसका पंचायत हैडक्वाटर से बिल्कुल संपर्क कट गया। शंकरपुर के रास्ता में तो यह हालत हो गई है कि 20 फीट तक पानी जमा हो गया जिससे लोगो का निकलना बंद हो गया। ग्रामीण घरो में कैद हो गए है।
झिरी व मदनपुर के गांवो तक चंबल का पानी पहुॅचते ही प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हो गए। तहसीलदार ब्रजेश मंगल ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुॅचकर लोगो से सुरक्षित स्थान पर पहुॅचने की अपील की । झिरी सरपंच प्रतिनिधि संजूसिह जादौन ने बताया कि 23 साल बाद चंबल नदी का भीषण रूप देखने को मिला है। झिरी गांव के मुस्लिम समाज की तकिया व धोबी वस्ती तक पानी जमा हो गया है वही शंकरपुर, हल्लूकापुरा, पनावती, रूधकापुरा, भगतकापुरा, जारौला सहित खिल्लाडाडा से पंचायत हैडक्वाटर का संपर्क कट गया है। वही मदनपुर पंचायत के कारीतीर गांव में पानी भरने के कारण लोगो ने टीलो पर शरण ली है।

तीन हजार हैक्टेयर में बोई फसल हुई जलमग्न
झिरी पंचायत में चंबल नदी में उफान आने के बाद किसानो ने फसल में नुकसान होने का अंदेशा जताया है। सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि झिरी पंचायत में चंबल नदी के किनारे करीब तीन हजार हैक्टेयर भूमि में फसल की बुबाई की थी। जिसमें मुख्यतः तिलहन व बाजरा की फसल थी। लेकिन अचानक चंबल नदी में उफान आने के बाद किसान फसल को लेकर चितिंत दिखाई दे रहे है जबकि खेतो में 20-20 फीट तक पानी भरा हुआ है।

वाइट-1. ब्रजेश मंगल
वाइट-2. संजूसिह जादौन सरपंच प्रतिनिधि झिरी
वाइट-3. ईदा खां ग्रामीणConclusion:
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