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प्रसूता और दो भ्रूण की मौत के लिए 3 चिकित्सक जिम्मेदार, कोर्ट ने लगाया 19.70 लाख का जुर्माना

धौलपुर जिले के डीजे कार्ट ने एक प्रसूता और दो भ्रूण की मौत मामले में तीन चिकित्सकों को दोषी माना है. कोर्ट ने तीनों चिकित्सकों पर 19.70 लाख का जुर्माना लगाया (Court imposed on 3 doctors) है.

प्रसूता और दो भ्रूण की मौत के लिए तीन चिकित्सक जिम्मेदार,
प्रसूता और दो भ्रूण की मौत के लिए तीन चिकित्सक जिम्मेदार
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Published : Sep 16, 2022, 9:32 AM IST

धौलपुर. धौलपुर डीजे कोर्ट ने एक प्रसूता और दो भ्रूण की मौत मामले में तीन चिकित्सकों को जिम्मेदार माना (Court imposed fine on 3 doctors) है. डीजे कार्ट ने चिकित्सकों से पीड़ित परिवार को 19 लाख 70 हजार देने के आदेश दिए हैं.

पीड़ित पक्ष की तरफ से मुकदमा की पैरवी कर रहे अधिवक्ता राहुल दुबे और पप्पू गुर्जर ने बताया कि 2017 में बसेडी के रतनपुर गांव की रहने वाली प्रीति सिंह (25) पत्नी रविंद्र को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया था. जहां इमरजेंसी में तैनात डॉ अनुज गुप्ता ने प्रसूता की हालत खराब होने के बाद भी किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को सूचना नहीं दी. इमरजेंसी डॉक्टर ने उसे सीधे मेटरनिटी वार्ड में भेज दिया. करीब 3 घंटे बाद प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जिला अस्पताल में सुबह 8 बजे तक दर्द से कराहती महिला को सुबह 8:30 बजे डॉक्टरों ने ग्वालियर रेफर कर दिया. जहां रास्ते में महिला और उसके पेट में दोनों नवजात शिशुओं की मौत हो गई. महिला को समुचित इलाज न देने के चलते लापरवाही मानते हुए न्यायालय ने डॉक्टर आरडी गर्ग, डॉ अनुज गुप्ता और तत्कालीन पीएमओ पर 19 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने महिला के पति रविंद्र सिंह को जुर्माना राशि में 6 फीसदी ब्याज के साथ जुर्माना राशि देने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: OMG ! 40 दिन के बच्चे के पेट में मिला भ्रूण, डॉक्टर भी हैरान, ऑपरेशन से निकाला

धौलपुर. धौलपुर डीजे कोर्ट ने एक प्रसूता और दो भ्रूण की मौत मामले में तीन चिकित्सकों को जिम्मेदार माना (Court imposed fine on 3 doctors) है. डीजे कार्ट ने चिकित्सकों से पीड़ित परिवार को 19 लाख 70 हजार देने के आदेश दिए हैं.

पीड़ित पक्ष की तरफ से मुकदमा की पैरवी कर रहे अधिवक्ता राहुल दुबे और पप्पू गुर्जर ने बताया कि 2017 में बसेडी के रतनपुर गांव की रहने वाली प्रीति सिंह (25) पत्नी रविंद्र को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया था. जहां इमरजेंसी में तैनात डॉ अनुज गुप्ता ने प्रसूता की हालत खराब होने के बाद भी किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को सूचना नहीं दी. इमरजेंसी डॉक्टर ने उसे सीधे मेटरनिटी वार्ड में भेज दिया. करीब 3 घंटे बाद प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जिला अस्पताल में सुबह 8 बजे तक दर्द से कराहती महिला को सुबह 8:30 बजे डॉक्टरों ने ग्वालियर रेफर कर दिया. जहां रास्ते में महिला और उसके पेट में दोनों नवजात शिशुओं की मौत हो गई. महिला को समुचित इलाज न देने के चलते लापरवाही मानते हुए न्यायालय ने डॉक्टर आरडी गर्ग, डॉ अनुज गुप्ता और तत्कालीन पीएमओ पर 19 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने महिला के पति रविंद्र सिंह को जुर्माना राशि में 6 फीसदी ब्याज के साथ जुर्माना राशि देने के निर्देश दिए हैं.

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