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देश के 27 जिलों में धौलपुर ने बनाई पहचान, कोरोना महामारी से मुक्त हुआ जिला

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Published : Jan 29, 2021, 5:58 PM IST

धौलपुर जिले ने कोरोना से जंग में देश के 27 जिलों में पहचान बनाई है. चिकित्सा विभाग और जिला प्रशासन के कुशल प्रबंधन के कारण धौलपुर कोरोना मुक्त हो चुका है. जानिए कैसे धौलपुर ने कोरोना को मात देकर जीत हासिल की है.

राजस्थान न्यूज, Dholpur news
कोरोना से मुक्त धौलपुर

धौलपुर. कोरोना से जूझ रहा देश अब जंग जीतने की ओर है. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में जल्द ही देश कोरोना मुक्त होगा, ऐसी आशा की जा रही है. वहीं अपने बेहतर प्रबंधन के कारण देश के 27 जिले कोरोना मुक्त घोषित किए गए हैं. इनमें से 11 जिले राजस्थान के हैं. जिसमें धौलपुर जिला भी शामिल है.

कोरोना से मुक्त धौलपुर

जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि जिले में पहला कोविड-19 केस 2 अप्रैल 2020 को चिन्हित हुआ था. उन्होंने बताया कि जिले में अब तक कुल 1 लाख 20 हजार 864 सैम्पल लिए गए हैं. जिनमें 3 हजार 761 रोगी संक्रमित पाए गए. अब तक कुल 3 हजार 728 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं और 29 रोगियों की मृत्यु हुई है. उन्होंने बताया कि जिले में पॉजिटिविटी दर 3.11 प्रतिशत, रिकवरी दर 99.12 प्रतिशत और मृत्युदर 0.77 प्रतिशत रही है. वहीं जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें.

जाने जिले को कोरोना मुक्त होने में कैसे मिली सफलता

  • धौलपुर में कोविड-19 की रोकथाम के लिए किए गए व्यापक प्रबन्ध

जिला कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की सीमा उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से लगी हुई है. साथ ही एनएच-3 पर वाहनों का आवागमन निरन्तर रहता है. इस कारण संक्रमण के फैलाव को देखते हुए जिले की समस्त सीमाओं पर चिकित्सा दलों ने कोरोना स्क्रीनिंग की. इसके अतिरिक्त जिले में बस, रेलवे स्टेशन पर ठहराव पर उतरने वाले यात्रियों की जांच की गई, जिससे जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव रोकने में मदद मिली.

  • कॉम्प्रीहेंसिव स्ट्रेटजी अपनाई

राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि कोरोना नियंत्रण के लिए व्यापक रणनीति अपनाकर सैंपल की संख्या बढ़ाई गई. जिसमें मुख्यतः प्रवासी, मजदूर, दुकानदार, सब्जी और फल विक्रेताओ को सम्मलित किया गया. सुपरस्प्रेडर की प्रारम्भिक अवस्था में जांच से संक्रमण का फैलाव कम हुआ. साथ ही पॉजिटिव व्यक्तियों का प्रारम्भिक जांच और शीघ्र उपचार के तहत अग्रिम चिन्हीकरण किया गया.

  • कॉन्टेक्ट और ट्रैवल हिस्ट्री जुटाना

प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री जानकारी जुटाकर संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया. जिससे संक्रमण की चेन रोकने में मदद मिली.

वहीं जिला कलेक्टर ने बताया कि मरैना पीएचसी की मिशन लिसा में सम्पूर्ण राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया. धौलपुर में मिशन-लिसा के माध्यम से व्यापक स्तर पर चिकित्सकीय सुविधाओं का विस्तार किया गया.

  • क्वारंटाइन सेंटर और कोविड केयर सेन्टर की व्यवस्था

जिले में संदिग्ध कोरोना रोगियों के निवास के लिए क्वारंटाइन सेन्टर स्थापित किए गए हैं. जिन की कुल क्षमता 4 हजार से अधिक बेड की थी. साथ ही 9 कोविड केयर सेन्टर स्थापित किए गए. जिनमें बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों का इलाज किया गया.

  • जिला चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय का सुदृृढीकरण

जिले में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय को अपग्रेड किया गया. दोनों चिकित्सालयों में ऑक्सीजन पाइपलाइन, वेन्टीलेटर, आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई. वर्तमान में कुल 205 ऑक्सीजन सर्पोटबैड, 26 आईसीयू बेड और 32 वेन्टीलेटर उपलब्ध है.

धौलपुर. कोरोना से जूझ रहा देश अब जंग जीतने की ओर है. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में जल्द ही देश कोरोना मुक्त होगा, ऐसी आशा की जा रही है. वहीं अपने बेहतर प्रबंधन के कारण देश के 27 जिले कोरोना मुक्त घोषित किए गए हैं. इनमें से 11 जिले राजस्थान के हैं. जिसमें धौलपुर जिला भी शामिल है.

कोरोना से मुक्त धौलपुर

जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि जिले में पहला कोविड-19 केस 2 अप्रैल 2020 को चिन्हित हुआ था. उन्होंने बताया कि जिले में अब तक कुल 1 लाख 20 हजार 864 सैम्पल लिए गए हैं. जिनमें 3 हजार 761 रोगी संक्रमित पाए गए. अब तक कुल 3 हजार 728 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं और 29 रोगियों की मृत्यु हुई है. उन्होंने बताया कि जिले में पॉजिटिविटी दर 3.11 प्रतिशत, रिकवरी दर 99.12 प्रतिशत और मृत्युदर 0.77 प्रतिशत रही है. वहीं जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें.

जाने जिले को कोरोना मुक्त होने में कैसे मिली सफलता

  • धौलपुर में कोविड-19 की रोकथाम के लिए किए गए व्यापक प्रबन्ध

जिला कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की सीमा उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से लगी हुई है. साथ ही एनएच-3 पर वाहनों का आवागमन निरन्तर रहता है. इस कारण संक्रमण के फैलाव को देखते हुए जिले की समस्त सीमाओं पर चिकित्सा दलों ने कोरोना स्क्रीनिंग की. इसके अतिरिक्त जिले में बस, रेलवे स्टेशन पर ठहराव पर उतरने वाले यात्रियों की जांच की गई, जिससे जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव रोकने में मदद मिली.

  • कॉम्प्रीहेंसिव स्ट्रेटजी अपनाई

राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि कोरोना नियंत्रण के लिए व्यापक रणनीति अपनाकर सैंपल की संख्या बढ़ाई गई. जिसमें मुख्यतः प्रवासी, मजदूर, दुकानदार, सब्जी और फल विक्रेताओ को सम्मलित किया गया. सुपरस्प्रेडर की प्रारम्भिक अवस्था में जांच से संक्रमण का फैलाव कम हुआ. साथ ही पॉजिटिव व्यक्तियों का प्रारम्भिक जांच और शीघ्र उपचार के तहत अग्रिम चिन्हीकरण किया गया.

  • कॉन्टेक्ट और ट्रैवल हिस्ट्री जुटाना

प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री जानकारी जुटाकर संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया. जिससे संक्रमण की चेन रोकने में मदद मिली.

वहीं जिला कलेक्टर ने बताया कि मरैना पीएचसी की मिशन लिसा में सम्पूर्ण राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया. धौलपुर में मिशन-लिसा के माध्यम से व्यापक स्तर पर चिकित्सकीय सुविधाओं का विस्तार किया गया.

  • क्वारंटाइन सेंटर और कोविड केयर सेन्टर की व्यवस्था

जिले में संदिग्ध कोरोना रोगियों के निवास के लिए क्वारंटाइन सेन्टर स्थापित किए गए हैं. जिन की कुल क्षमता 4 हजार से अधिक बेड की थी. साथ ही 9 कोविड केयर सेन्टर स्थापित किए गए. जिनमें बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों का इलाज किया गया.

  • जिला चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय का सुदृृढीकरण

जिले में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालय को अपग्रेड किया गया. दोनों चिकित्सालयों में ऑक्सीजन पाइपलाइन, वेन्टीलेटर, आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई. वर्तमान में कुल 205 ऑक्सीजन सर्पोटबैड, 26 आईसीयू बेड और 32 वेन्टीलेटर उपलब्ध है.

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