धौलपुर. राजस्थान के कोटा जिले में चंबल नदी में हुए नाव हादसे के बाद स्थानीय जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है. पुलिस ने चंबल नदी में नावों के अवैध संचालन पर सख्त कार्रवाई करते हुए रोक लगा दी है. नाव संचालन मल्लाहों को पुलिस ने पाबन्द कर दिया है. कोटा में हुए नाव हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस ने कड़ा रुख अपना लिया है. जिले से मध्य प्रदेश सीमा में नाव द्वारा अनाधिकृत तरीके से परिवहन किया जाता है. जिस परिवहन पर जिला प्रशासन ने पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.
गौरतलब है कि कोटा जिले की चंबल नदी में 40 से 50 लोगों से भरी एक नाव पलटने से 13 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद धौलपुर जिला प्रशासन ने भी सबक ले लिया है. एसपी केसर सिंह शेखावत ने चंबल नदी पर अनाधिकृत तरीके से संचालित नावों के संचालन पर पाबंदी लगा दी है. धौलपुर जिले की सीमा से मध्यप्रदेश के मुरैना जिला, सबलगढ़ जिला में अनाधिकृत तरीके से नाव का संचालन किया जाता है. कोटा में हुए दर्दनाक नाव हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने भी सबक ले लिया है. राजाखेड़ा इलाके के कछियारा घाट, बाड़ी उपखंड इलाके के सेवर पाली घाट एवं सरमथुरा क्षेत्र से नावों का संचालन किया जाता है.
यह भी पढ़ें- चंबल नदी हादसा: पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के मामले में 5 लोगों को किया गिरफ्तार
राजस्थान सीमा से मध्य प्रदेश बॉर्डर तक नावों का परिवहन होता है. चंबल नदी में संचालित नाव भी काफी जीर्ण एवं जर्जर अवस्था की हो चुकी है. उसके अलावा नाव में क्षमता से अधिक सवारिया और उनके सामान को रखा जाता है. हादसा होने की स्थिति में नाव संचालकों के पास कोई भी एहतियात के साधन मौजूद नहीं है. कोटा में हुए दर्दनाक नाव हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस का रुख सख्त हो गया है. एसपी ने संबंधित इलाके के थानेदार को सख्ती से निर्देश दिए हैं. पुलिस ने चंबल नदी के सभी घाटों पर जहां नाव संचालित होती है, उन मल्लाहों को पाबंद किया है. फिलहाल पुलिस ने चंबल नदी में होने वाले नाव संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.