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सावन के चौथे सोमवार को शिव मंदिर पर भक्तों का तांता, जमकर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

सावन के चौथे सोमवार के उपलक्ष्य में जिले के ऐतिहासिक सैपऊ के शिव मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहा. हालांकि, कोरोना की वजह से गर्भगृह बंद था, लेकिन मंदिर के बाहर लगे पाइप के माध्यम से भक्त भोलेनाथ को दुध और जल चढ़ा रहे थे. इस दौरान अगर बात करे कोरोना गाइडलाइन की तो वो नदारद दिखी.

धौलपुर का शिव मंदिर, shiv temple of dhaulpur
भगवान भोलेनाथ के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
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Published : Jul 27, 2020, 3:36 PM IST

धौलपुर. जिले में वैश्विक महामारी कोरोना काल के बीच भी लोगों की आस्था और श्रद्धा कम नहीं हो रही है. जिले के ऐतिहासिक सैपऊ के शिव मंदिर पर सावन के चौथे सोमवार को भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर प्रशासन ने भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को कोरोना वायरस से दूर रखने के लिए गर्भगृह को बंद करा दिया है.

भगवान भोलेनाथ के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

गर्भगृह के बाहर दरवाजों पर पाइप लाइन की फिटिंग कराई गई है. इस पाइप लाइन के माध्यम से भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को सहस्त्रधारा, गंगाजल और दुग्ध अर्पित किए जा रहे हैं. भोलेनाथ को बाहर से ही भोग प्रसादी लगाकर पूजा अर्चना की जा रही है. गर्भगृह के अंदर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है. भोलेनाथ को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं.

पढ़ेंः सावन विशेष: राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग के नीचे कुंड, जिसमें नहाने से मिलता है चर्म रोगों से छुटकारा

भगवान आशुतोष को पूरी तरह से सुरक्षित रखा गया है. लेकिन गर्भगृह के बाहर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की खुलेआम बाहर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कुछ श्रद्धालु मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंस की पालना करते दिखे, लेकिन अधिकांश श्रद्धालु बिना मास्क के बिना सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते दिखे.

बता दें कि इस दौरान उपखंड प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित होते दिखे. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं ने दुध, बेलपत्र और प्रसाद का भोग लगाया. भगवान आशुतोष की आरती उतारकर श्रद्धालुओं ने प्रसादी भी वितरित की.

धौलपुर. जिले में वैश्विक महामारी कोरोना काल के बीच भी लोगों की आस्था और श्रद्धा कम नहीं हो रही है. जिले के ऐतिहासिक सैपऊ के शिव मंदिर पर सावन के चौथे सोमवार को भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर प्रशासन ने भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को कोरोना वायरस से दूर रखने के लिए गर्भगृह को बंद करा दिया है.

भगवान भोलेनाथ के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

गर्भगृह के बाहर दरवाजों पर पाइप लाइन की फिटिंग कराई गई है. इस पाइप लाइन के माध्यम से भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को सहस्त्रधारा, गंगाजल और दुग्ध अर्पित किए जा रहे हैं. भोलेनाथ को बाहर से ही भोग प्रसादी लगाकर पूजा अर्चना की जा रही है. गर्भगृह के अंदर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है. भोलेनाथ को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं.

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भगवान आशुतोष को पूरी तरह से सुरक्षित रखा गया है. लेकिन गर्भगृह के बाहर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की खुलेआम बाहर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कुछ श्रद्धालु मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंस की पालना करते दिखे, लेकिन अधिकांश श्रद्धालु बिना मास्क के बिना सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते दिखे.

बता दें कि इस दौरान उपखंड प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित होते दिखे. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं ने दुध, बेलपत्र और प्रसाद का भोग लगाया. भगवान आशुतोष की आरती उतारकर श्रद्धालुओं ने प्रसादी भी वितरित की.

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