धौलपुर. सैंपऊ कस्बे के ऐतिहासिक शिव मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का सैलाब (devotees in Historical Shiv Mandir) उमड़ा. बढ़ती भीड़ को देख कर पुलिस भी कानून और ट्रैफिक व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पहुंची. सुबह 4:00 बजे से श्रद्धालुओं का मंदिर पर आवागमन शुरू हो गया था. मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने भाव एवं आस्था पूर्वक गंगाजल से सहस्त्रधारा अर्पित की. ग्रामीण अंचल से महिलाएं, युवतियां और बुजुर्ग दल बनाकर पैदल यात्रा करते हुए शिव मंदिर पर दर्शन करने पहुंचे.
इस दौरान भगवान भोलेनाथ के गर्भ गृह में प्राचीनतम शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शर्करा, धतूरा, पुष्प, शहद आदि अर्पित किए गए. श्रद्धालुओं ने भाव एवं आस्था पूर्वक सहस्त्रधारा भी भगवान शिवलिंग को अर्पित की. मंदिर के बाहर विशाल मेले का आयोजन किया गया. दुकानों पर मिठाई एवं सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं की जमकर महिलाओं ने खरीदारी की. धौलपुर जिला समेत उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और हरियाणा के भी श्रद्धालु ऐतिहासिक शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे.
श्रद्धालुओं ने भंडारे एवं लंगर भी लगाए : श्रद्धालुओं ने भंडारे एवं लंगर भी लगाए. इस दौरान लोगों को प्रसाद वितरित किया गया. गौरतलब है कि ऐतिहासिक शिव मंदिर पर सावन एवं फागुन के महीने में काफी भीड़ देखी जाती है. फागुन के महीने में लक्खी मेले का भी आयोजन किया जाता है. साथ ही इस माह में चारों सोमवार को मेला लगने के साथ हजारों की तादाद में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दरबार में मनोकामना लेकर पहुंचते हैं.
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लगभग 200 वर्ष पूर्व ऐतिहासिक शिव मंदिर का निर्माण कराया गया था. इतिहासकारों की मानें तो साढ़े 700 वर्ष पूर्व शिवलिंग का जमीन से उद्गम हुआ था. खुदाई करने पर इस शिवलिंग का अंत भी नहीं पाया जा सका है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक चमत्कारी शिवलिंग साल में तीन बार रंग बदलती है. दक्षिण भारत में रामेश्वरम के बाद शिव जी का यह दूसरा मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि युवतियों द्वारा सोमवार को भगवान भोलेनाथ को गंगा जल और बेलपत्र अर्पित करने से मनचाही बातें पूरी होती हैं.