धौलपुर. जिले में लॉकडाउन के दौरान बैंकों पर पेंशनरों की उमड़ रही भीड़ को देखकर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बैंकों से भीड़ को हटाने के लिए बैंकों से मिलने वाले लेनदेन को बंद करा दिया है. सिर्फ असहाय और बेहद जरूरतमंद व्यक्ति को ही बैंक के अंदर अनुमति दी जाएगी. सोशल डिस्टेंस की पालन ना होने पर जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है.
मंगलवार को शहर की एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक पर उपभोक्ताओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. जिससे लॉकडाउन की अवहेलना के साथ सोशल डिस्टेंस का सारा सिस्टम खत्म हो गया था. कलेक्टर ने सभी बैंकों को जरूरतमंद लोगों को ही विड्रॉल द्वारा लेन देन के लिए आदेशित किया है.
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कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि, धौलपुर शहर में करीब 40 हजार पेंशनर है. जिनमें प्रमुख रूप से सामाजिक सुरक्षा और जनधन खाते के पेंशनर हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में 1 हजार की राशि ट्रांसफर की है. इस राशि को निकालने के लिए जरूरतमंद के अलावा भी अन्य उपभोक्ता बैंकों पर पहुंच रहे हैं. जबकि शहर में कुछ बैंक ऐसी भी हैं, जहां ज्यादा भीड़ एकत्रित नहीं की जा सकती है. मंगलवार को शहर की सभी बैंकों पर जनधन खाता धारकों की भारी भीड़ देखी गई. जिससे सोशल डिस्टेंस का सारा सिस्टम ही फेल हो गया. जबकि कोरोना संक्रमण से बचाव का मुख्य उपचार शोषण डिस्टेंस है. पेंशन धारकों में सब्र का अभाव बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से लोग बैंकों की तरफ दौड़ रहे हैं, जिससे लॉकडाउन की अवहेलना तो हो ही रही है, साथ में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रही है. कलेक्टर ने कहा सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए अहम निर्णय लिया गया है. जिसमें 30 अप्रैल तक पेंशन वितरण के कार्यक्रम को स्थगित रखा जाएगा. केवल बहुत ही असहाय और जरूरतमंद व्यक्ति को ही विड्रोल के माध्यम से पेंशन उपलब्ध कराई जाएगी. कलेक्टर ने आमजन से अपील करते हुए कहा 500 की राशि निकालने के लिए जिले में संकट पैदा ना करें.
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उन्होंने बताया कि, बुधवार को आईसीएमआर ने स्टडी करते हुए बताया है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति समाज के 450 व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले सकता है. इसके लिए सिर्फ सोशल डिस्टेंस ही उपचार है. इसके लिए समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को जिम्मेदारी निभानी होगी. जिससे कोरोना संक्रमण महामारी का रूप देश में ना ले सके.