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दो दिन बाद चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचा, प्रशासन ने ली राहत की सांस

धौलपुर की चंबल नदी का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान से नीचे दर्ज की गई. बुधवार को हाड़ौती क्षेत्र से पानी की आवक कम होने पर जल स्तर खतरे के निशान से 2.69 मीटर नीचे पहुंच गया है, जिससे जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

धौलपुर समाचार, dholpur news
चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
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Published : Aug 26, 2020, 4:39 PM IST

धौलपुर. जिले की चंबल नदी का जलस्तर पिछले दो दिन से उफान पर थी, लेकिन बुधवार को हाड़ौती क्षेत्र से पानी की आवक कम होने पर जल स्तर खतरे के निशान से 2.69 मीटर नीचे पहुंच गया है, जिससे जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. पिछले 2 दिनों से चंबल नदी उफान पर चल रही थी.

चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

दरअसल, चंबल नदी का खतरे का निशान 129.79 मीटर है. वहीं, पिछले 2 दिनों से 2 मीटर से अधिक खतरे के निशान को पानी पार कर गया था, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों एवं निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया था.

वहीं, बुधवार को हाडोती क्षेत्र से पानी की आवक कम होने पर चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 129.79 मीटर से घटकर 127.10 मीटर पर पहुंच गया. यानी चंबल नदी में 2.69 मीटर पानी कम हुई है. पिछले 2 दिनों से हाड़ौती क्षेत्र की काली सिंध नदी, पार्वती नदी एवं आसपास के छोटे नदी नालों का पानी चंबल नदी में आ रहा था. उसके अलावा कोटा बैराज से भी 5 हजार से अधिक क्यूसेक पानी चम्बल नदी में रिलीज किया था, जिससे जिले की चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर से ऊपर पहुंच गया था.

पढ़ें- धौलपुर के इस क्षेत्र में सड़क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त, सिस्टम के जिम्मेदार बेखबर

इस बीच चंबल नदी में उफान आने पर जिला प्रशासन ने 24 से अधिक नदी के तटवर्ती ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी किया था. जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को छुट्टी निरस्त कर बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी रखने के दिशा निर्देश दिए थे. लेकिन बुधवार को पानी में भारी गिरावट आई है. दोपहर तक नदी का गेज खतरे के निशान से 2.69 मीटर पहुंच गया.

कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि बारिश का मौसम मौजूदा वक्त में बना हुआ है. हाड़ौती क्षेत्र में अगर बारिश होती है, तो चंबल नदी में पानी की आवक भी रहेगी. ऐसी स्थिति में जिले में बाढ़ के हालात नहीं हो, उसके लिए नदी के तटवर्ती इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. संबंधित हल्का पटवारी एवं गिरदावर को तैनात करने के निर्देश दिए हैं.

उसके अलावा प्रत्येक उपखंड मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है. फिलहाल, नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है, जिससे वर्तमान में बाढ़ का खतरा टल गया है. लेकिन हालात और परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग एवं सतर्क बना हुआ है.

धौलपुर. जिले की चंबल नदी का जलस्तर पिछले दो दिन से उफान पर थी, लेकिन बुधवार को हाड़ौती क्षेत्र से पानी की आवक कम होने पर जल स्तर खतरे के निशान से 2.69 मीटर नीचे पहुंच गया है, जिससे जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. पिछले 2 दिनों से चंबल नदी उफान पर चल रही थी.

चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

दरअसल, चंबल नदी का खतरे का निशान 129.79 मीटर है. वहीं, पिछले 2 दिनों से 2 मीटर से अधिक खतरे के निशान को पानी पार कर गया था, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों एवं निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया था.

वहीं, बुधवार को हाडोती क्षेत्र से पानी की आवक कम होने पर चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 129.79 मीटर से घटकर 127.10 मीटर पर पहुंच गया. यानी चंबल नदी में 2.69 मीटर पानी कम हुई है. पिछले 2 दिनों से हाड़ौती क्षेत्र की काली सिंध नदी, पार्वती नदी एवं आसपास के छोटे नदी नालों का पानी चंबल नदी में आ रहा था. उसके अलावा कोटा बैराज से भी 5 हजार से अधिक क्यूसेक पानी चम्बल नदी में रिलीज किया था, जिससे जिले की चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर से ऊपर पहुंच गया था.

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इस बीच चंबल नदी में उफान आने पर जिला प्रशासन ने 24 से अधिक नदी के तटवर्ती ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी किया था. जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को छुट्टी निरस्त कर बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी रखने के दिशा निर्देश दिए थे. लेकिन बुधवार को पानी में भारी गिरावट आई है. दोपहर तक नदी का गेज खतरे के निशान से 2.69 मीटर पहुंच गया.

कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि बारिश का मौसम मौजूदा वक्त में बना हुआ है. हाड़ौती क्षेत्र में अगर बारिश होती है, तो चंबल नदी में पानी की आवक भी रहेगी. ऐसी स्थिति में जिले में बाढ़ के हालात नहीं हो, उसके लिए नदी के तटवर्ती इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. संबंधित हल्का पटवारी एवं गिरदावर को तैनात करने के निर्देश दिए हैं.

उसके अलावा प्रत्येक उपखंड मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित किया है. फिलहाल, नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है, जिससे वर्तमान में बाढ़ का खतरा टल गया है. लेकिन हालात और परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग एवं सतर्क बना हुआ है.

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