धौलपुर. जिले में लॉकडाउन की अफवाह के बाद कालाबाजारी शुरू हो गई. कालाबाजारी का सीधा असर राशन सामग्री पर देखा जा रहा है. परचून विक्रेताओं ने सामानों के डेढ़ से दोगुना रेट बढ़ा दिए हैं. इसका सीधा असर गरीब, किसान, मजदूर और आमजन पर देखा जा रहा है.
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जिले के शहर और कस्बों में स्टॉक करने वाले थोक विक्रेताओं ने रेटों में भारी इजाफा किया है. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने शहर के प्रतिष्ठित गोदाम पर छापा भी मारा, लेकिन उसके बावजूद जिला प्रशासन कालाबाजारी पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है.
बता दें, थोक व्यापारी छोटे दुकानदारों को डेढ़ से दोगुनी रेट पर सामान बेच रहे हैं, जिससे छोटे व्यापारियों की ओर से आम ग्राहक को सामान करीब दोगुनी रेट में बेचा जा रहा है. वहीं, जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर कालाबाजारी रोकने के लिए करीब 6 टीम का गठन भी किया है, लेकिन कालाबाजारी के लिए गठित की गई टीमों की ओर से अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. इससे मुनाफाखोरी के हौसले बढ़ते जा रहे हैं.
स्थानीय नागरिक महेंद्र सिंह ने बताया लॉकडाउन की अफवाह के कारण मार्केट में कालाबाजारी को बढ़ावा मिला है. दाल, चावल, मसाले, आटा, घी, तेल आदि पर दुकानदारों ने रेट बढ़ा दिए हैं. उनका कहना है कि मुनाफाखोरी और कालाबाजारी का धंधा जिला प्रशासन की आंखों के सामने फल-फूल रहा है. प्रशासन की आंखों के सामने धड़ल्ले से कालाबाजारी हो रही है. जिला कलेक्टर की ओर से गठित की गई टीमों की ओर से शहर के एक गोदाम को छोड़कर दूसरी कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लाई गई है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतान पड़ रहा है.
- धौलपुर में खाद्य सामग्री के भाव...
खाद्य सामग्री | रेट (पहले) | रेट (अब) |
अरहर दाल | 90 रुपए किलो | 110 रुपए किलो |
उड़द दाल | 90 रुपए किलो | 110 रुपए किलो |
मूंग दाल | 95 रुपए किलो | 110 रुपए किलो |
चना दाल | 80 रुपए किलो | 100 रुपए किलो |