बाड़ी (धौलपुर). बाड़ी एडीजे कोर्ट ने बाड़ी शहर के अशर्फी बाजार से जुड़े साल 2012 के हमले और लूट के एक मामले में मुख्य आरोपी को दस साल के कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई. साथ ही मामले के दूसरे आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
एडीजे कोर्ट के लोक अभियोजक शैलेंद्र सिंह मथुरिया ने बताया कि 19 मई 2012 को बाड़ी शहर के एक निजी अशर्फी मार्केट में रहने वाले बिशनस्वरूप की पत्नी पुष्पा मंगल पर घर के पुराने नौकर शहजाद ने धारदार हथियार से हमला किया था. इस दौरान उसकी गर्दन, सिर, चेहरे और पेट पर हमला किया गया था. आरोपी शहजाद ने महिला के सोने की चेन और कुंडल छीन लिए थे. इसके बाद महिला को घायल अवस्था में छोड़कर फरार हो गया था.
इस मामले को लेकर विशनस्वरुप मंगल ने बाड़ी थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें शहजाद और मोनू को आरोपी बनाया गया था. मामला एडीजे कोर्ट में विचाराधीन था, जिस पर शुक्रवार को एडीजे सुंदरलाल वंशीवाल ने फैसला सुनाते हुए घटना के मुख्य आरोपी शहजाद (पुत्र मुंशी तेली निवासी अलीगढ़ रोड गुमट) को मामले में दोषी माना.
बाड़ी कोतवाली थाना क्षेत्र के इस मामले में कोर्ट ने दोषी शहजाद को आईपीसी की धारा 458 के तहत दस साल के कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं, आईपीसी की धारा 324 के तहत भी तीन साल के कारावास और पांच हजार रुपये का अर्थदंड दिया. साथ ही अदालत ने दूसरे आरोपी मोनू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.