धौलपुर. वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर ने जिले में दस्तक दे दी है. सोमवार को जिले में 47 एक्टिव केस प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 1 से 18 साल के 9 बच्चे भी संक्रमित पाए गए. कोरोना की तीसरी लहर का आना जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और आमजन के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय माना जा रहा है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को घरों पर ही मेडिकल किट देकर होम आइसोलेट किया है. चिकित्सा विभाग के निगरानी दल की टीम बच्चों पर नजर बनाए हुए हैं.
सोमवार को जिले में 1 से 18 वर्ष के 9 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. हालांकि बच्चों की सेहत अभी पूरी तरह से स्वस्थ है. लेकिन तीसरी लहर का आना सबसे बड़ा घातक माना जा रहा है. इस लहर की जद में समाज की नई नस्ल बच्चे आ रहे हैं.
डिप्टी सीएमएचओ चेतराम मीणा ने बताया सोमवार को टोटल 47 संक्रमित व्यक्ति पाए गए है. जिसमें से 1 से 18 वर्ष के 9 बच्चे भी कोरोना संक्रमित मिले है. उन्होंने बताया संक्रमित बच्चों को घर पर ही मेडिकल किट देखकर आइसोलेट किया गया है. साथ में कोविड टीम को निगरानी के लिए तैनात किया है. बच्चों की सेहत पर टीम द्वारा नजर रखी जा रही है.
उन्होंने बताया चिकित्सा विभाग की ओर से डोर टू डोर सर्वे कराकर खासी जुखाम और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग सजग बना हुआ है. डोर टू डोर सर्वे कराकर डायबिटीज कैंसर और अन्य घातक बीमारियों से ग्रसित लोगों का सर्वे कराया जा रहा है. उन्होंने बताया निगरानी टीम की ओर से लोगों को घर-घर जाकर पेम्पलेट दिए जा रहे हैं.
1 साल से कम उम्र के 2 बच्चे मिले संक्रमित
गौरतलब है कि जिले में कोरोना महामारी की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. सोमवार को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग को 47 व्यक्ति संक्रमित मिले हैं. जिनमें 1 से 18 वर्ष के 9 बच्चे भी संक्रमित पाए गए हैं. बसई सामंता की ग्राम पंचायत के गांव भिलगमा में 10 वर्ष से कम उम्र के 2 बच्चे भी संक्रमित पाए गए हैं. तीसरी लहर का जिले में प्रवेश करना जिला प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ आमजन के लिए चिंता का विषय है. 9 बच्चे संक्रमित पाए जाने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों को मेडिकल किट देकर घर पर ही आइसोलेट करा दिया गया है.
सरानी खेड़ा और पचगांव पंचायत मुख्यालय पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद भी जिला प्रशासन ने चिकित्सकों को जिला अस्पताल के सेंटर में लगा दिया है. जिससे स्थानीय मरीजों को भारी परेशानी हो रही है. सोमवार को 9 बच्चे संक्रमित पाए जाने से जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.