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'बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी हैं मीजल्स रूबेला...टीकाकरण से ही बचाव सम्भव'

बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी मीजल्स रूबेला के बचाव को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है. जिसको लेकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने जिले के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर जिले के 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे को टीकाकरण करने के निर्देश दे दिए हैं.

बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी हैं मीजल्स रूबेला... टीकाकरण से ही बचाव सम्भव
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Published : Jul 19, 2019, 5:24 PM IST

दौसा. मीजल्स रूबेला को लेकर आरसीएमएचओ रामफल मीणा ने बताया कि मीजल्स रूबेला बच्चों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है. इसका बीमारी के होने से पूर्व में ही टीकाकरण करवाना आवश्यक है. जिससे कि बच्चों में मीजल्स रूबेला के वायरस पैदा नहीं हो सकेंगे और ना हीं उनमें फैलेंगे.

जिसको लेकर दौसा स्वास्थ्य विभाग आगामी 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान जिला स्तर पर शुरू करने जा रहा है. जिसमें जिले के समस्त स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों और घर-घर जाकर 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा.

बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी हैं मीजल्स रूबेला... टीकाकरण से ही बचाव सम्भव

आरसीएमएचओ न मीणा ने बताया कि इस बीमारी के लक्षणों में डायरिया, नाक बहना, सर्दी, शरीर पर दाने होना इत्यादी हैं. इस तरह के लक्षणों से मीजल्स रूबेला का पता लगाया जा सकता है. मगर यह एक खतरनाक बीमारी है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है. इसीलिए इसके बचाव के लिए 22 जुलाई से जिले में टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है जो कि बच्चों में टीके लगवाना आवश्यक है.

दौसा. मीजल्स रूबेला को लेकर आरसीएमएचओ रामफल मीणा ने बताया कि मीजल्स रूबेला बच्चों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है. इसका बीमारी के होने से पूर्व में ही टीकाकरण करवाना आवश्यक है. जिससे कि बच्चों में मीजल्स रूबेला के वायरस पैदा नहीं हो सकेंगे और ना हीं उनमें फैलेंगे.

जिसको लेकर दौसा स्वास्थ्य विभाग आगामी 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान जिला स्तर पर शुरू करने जा रहा है. जिसमें जिले के समस्त स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों और घर-घर जाकर 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा.

बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी हैं मीजल्स रूबेला... टीकाकरण से ही बचाव सम्भव

आरसीएमएचओ न मीणा ने बताया कि इस बीमारी के लक्षणों में डायरिया, नाक बहना, सर्दी, शरीर पर दाने होना इत्यादी हैं. इस तरह के लक्षणों से मीजल्स रूबेला का पता लगाया जा सकता है. मगर यह एक खतरनाक बीमारी है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है. इसीलिए इसके बचाव के लिए 22 जुलाई से जिले में टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है जो कि बच्चों में टीके लगवाना आवश्यक है.

Intro:मीजल्स रूबेला बच्चों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी हैं । और उसके टीकाकारण को लेकर आगामी 22 जुलाई से जुलाई अभियान शुरू किया जाएगा ।


Body:दौसा, बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी मीजल्स रूबेला के बचाव को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है । जिसको लेकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने जिले के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर जिले के 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे को टीकाकरण करने के निर्देश दे दिए हैं । मीजल्स रूबेला को लेकर आर सी एम एचओ रामफल मीणा ने बताया कि यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है। इसका बीमारी के होने से पूर्व में ही टीकाकरण करवाना आवश्यक है । जिससे कि बच्चों में मीजल्स रूबेला के वायरस पैदा नहीं हो । व उनमें फैले नहीं । जिसको लेकर दौसा स्वास्थ्य विभाग आगामी 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान जिला स्तरीय शुरू करने जा रहा है । जिसमें कि जिले के समस्त स्कूलों आंगनबाड़ी केंद्रों व घर घर जाकर 9:00 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा । आरसीएमएचओ मीणा ने बताया कि यह एक ऐसी बीमारी है। जिसके लक्षणह जिसमें डायरिया नाक बहना सर्दी शरीर पर दाने दाने होना इस तरह के लक्षणों से मीजल्स रूबेला का पता लगाया जा सकता है । लेकिन यह एक खतरनाक बीमारी है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है । इसीलिए इसके बचाव के लिए 22 जुलाई से जिले में टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है जो कि बच्चों में टीके लगवाना आवश्यक है।
बाईट रामफूल मीणा आरसीमएचओ


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