दौसा. अवैध खनन के चलते पिछले एक सप्ताह से जिले भर में 4 लोगों की जीवन लीला समाप्त होने के बाद भी प्रशासन सबक लेना नहीं चाह रहा. जिसके चलते शनिवार को सिकराय उपखंड के कालवान गांव के लोगों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा. कालवान के ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सिकराय गीजगढ़ रोड जाम कर दिया और धरने पर बैठ गए.
ग्रामीणों का आरोप है कि कालवान में प्रशासन ने कई माइन्स को लीज पर दे रखा है, लेकिन माइन्स संचालक अपनी पैमाइश से अधिक एरिया में खनन करते हैं. खनन के दौरान अवैध रूप से किए ब्लास्टिंग से ग्रामीणों के मकानों में दरारे आ गईं. ग्रामीणों में हमेशा मकानों के गिरने का डर बना रहता है. माइन्स से निकलने वाली डस्ट ने पूरे चारागाह को समाप्त कर दिया है, जिससे कि पशुओं के लिए चारे का भी संकट आ गया. यहां तक कि नरेगा द्वारा खुदाई किए गए तालाब को भी इन्होंने खुदाई में निकली मिट्टी डाल कर खत्म कर दिया.
आए दिन पत्थरों से भरे सैंकड़ों ट्रकों के निकलने की वजह से 10 किलोमीटर का रोड क्षतिग्रस्त हुआ पड़ा है, जिसकी प्रशासन कभी सुध नहीं लेता. ऐसे में अवैध खनन से उत्पन्न दर्जनों समस्याओं से परेशान होकर ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए गीजगढ़ कालवान रोड पर प्रदर्शन करते हुए रोड को जाम कर दिया.
पढ़ें- जयपुर में फिर चला JDA का जेसीबी, तीन अवैध कालोनियों को किया ध्वस्त
सूचना मिलते ही सिकराय उपखंड अधिकारी रणवीर सिंह गौधारा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा कर जाम खुलवाया. इस दौरान प्रशासन ने अवैध रूप से की जा रही ब्लास्टिंग को बंद करवाने, चरागाह से अतिक्रमण समाप्त करवाने के मुद्दे पर ग्रामीणों को 3 दिन के समय में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. ग्रामीणों ने भी प्रशासन को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि अगर तीन दिन में ब्लास्टिंग चरागाह से अतिक्रमण हटाया गया तो ग्रामीण फिर से धरने पर बैठेंगे.