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मुझे पहचानो : 6 साल पहले घरवाले प्रहलाद को नहीं पहचान पाए...अब पाकिस्तान जेल में बंद प्रहलाद देश को नहीं पहचान पा रहा

कहानी कुछ अजीबोगरीब है. प्रहलाद 17 साल से पाकिस्तान की जेल में है. 2016 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रहलाद के परिजनों से पहचान सत्यापन के लिए संपर्क किया. तब प्रहलाद के घरवाले उसे पहचान नहीं पाए. 2021 में फिर केंद्र सरकार ने सत्यापन के लिए पुरानी फोटो दिखाई तो घरवालों ने उसे पहचान लिया. अब दिक्कत ये है कि कमजोर मानसिक स्थिति के कारण प्रहलाद अपनी राष्ट्रीयता ही नहीं पहचान पा रहा है.

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17 साल से प्रहलाद पाक जेल में
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Published : Jun 18, 2021, 9:13 PM IST

बांदीकुई (दौसा). प्रहलाद सिंह 17 साल पहले जब मजदूरी करने दिल्ली गया था. तब कोई नहीं जानता था कि वो अब कभी नहीं आएगा. 2016 में पता चला कि प्रहलाद जैसा कोई शख्स पाकिस्तान की जेल में बंद है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सत्यापन के लिए प्रहलाद के परिजनों से संपर्क किया. लेकिन तक उसकी पहचान नहीं हो सकी.

2021 में एक बार फिर केंद्र सरकार ने प्रहलाद के सत्यापन की कोशिश की. परिवार को पुरानी फोटो दिखाई तो परिवार ने प्रहलाद को पहचान लिया. पता चला कि प्रहलाद अपना मानसिक संतुलन खो चुका है. उसकी सजा पूरी हो चुकी है. लेकिन अब वह अपनी राष्ट्रीयता ही नहीं पहचान पा रहा है. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा रहा है.

17 साल से प्रहलाद पाक जेल में

बांदीकुई कस्बे का प्रहलाद सिंह काठानाड़ी गांव के निवासी प्रहलाद सिंह की पत्नी गोमती ने बताया कि उसका पति मजदूरी के सिलसिले में दिल्ली गया था. गोमती आज भी पति का इंतजार कर रही हैं. जब उसे पता चला कि उसका पति जिंदा है और पाकिस्तान की जेल में है तो उसे पति के लौटने की आस बंध गई. उसने गृह मंत्रालय से गुहार लगाई है.

पढ़ें- PAK से आई हेरोइन तस्करी में शामिल कुख्यात तस्कर 'हलिया' गिरफ्तार

प्रहलाद के परिजनों का कहना है कि 2015 में गृह मंत्रालय की ओर से सत्यापन की कोशिश की गई थी. लेकिन तब उसकी पहचान नहीं हो पाई. 2021 में फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सत्यापन के लिए फोटो जारी की तो परिजनों उसे पहचान लिया और गृह मंत्रालय से संपर्क साधा.

प्रहलाद के पुत्र शक्ति सिंह का कहना है कि उसके पिता के सत्यापन की जानकारी गृह मंत्रालय, सीएम हाऊस, राज्यपाल और जिला कलेक्टर को दे दी गई है. ऐसे में अब पिता के वतन लौटने का इंतजार हैं. मामले को लेकर जिला कलेक्टर पीयूष समारिया का कहना है कि स्टेट डिपार्टमेंट को लेटर लिखा है और परिजनों को आश्वासन दिया है कि प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा.

बांदीकुई (दौसा). प्रहलाद सिंह 17 साल पहले जब मजदूरी करने दिल्ली गया था. तब कोई नहीं जानता था कि वो अब कभी नहीं आएगा. 2016 में पता चला कि प्रहलाद जैसा कोई शख्स पाकिस्तान की जेल में बंद है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सत्यापन के लिए प्रहलाद के परिजनों से संपर्क किया. लेकिन तक उसकी पहचान नहीं हो सकी.

2021 में एक बार फिर केंद्र सरकार ने प्रहलाद के सत्यापन की कोशिश की. परिवार को पुरानी फोटो दिखाई तो परिवार ने प्रहलाद को पहचान लिया. पता चला कि प्रहलाद अपना मानसिक संतुलन खो चुका है. उसकी सजा पूरी हो चुकी है. लेकिन अब वह अपनी राष्ट्रीयता ही नहीं पहचान पा रहा है. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा रहा है.

17 साल से प्रहलाद पाक जेल में

बांदीकुई कस्बे का प्रहलाद सिंह काठानाड़ी गांव के निवासी प्रहलाद सिंह की पत्नी गोमती ने बताया कि उसका पति मजदूरी के सिलसिले में दिल्ली गया था. गोमती आज भी पति का इंतजार कर रही हैं. जब उसे पता चला कि उसका पति जिंदा है और पाकिस्तान की जेल में है तो उसे पति के लौटने की आस बंध गई. उसने गृह मंत्रालय से गुहार लगाई है.

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प्रहलाद के परिजनों का कहना है कि 2015 में गृह मंत्रालय की ओर से सत्यापन की कोशिश की गई थी. लेकिन तब उसकी पहचान नहीं हो पाई. 2021 में फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सत्यापन के लिए फोटो जारी की तो परिजनों उसे पहचान लिया और गृह मंत्रालय से संपर्क साधा.

प्रहलाद के पुत्र शक्ति सिंह का कहना है कि उसके पिता के सत्यापन की जानकारी गृह मंत्रालय, सीएम हाऊस, राज्यपाल और जिला कलेक्टर को दे दी गई है. ऐसे में अब पिता के वतन लौटने का इंतजार हैं. मामले को लेकर जिला कलेक्टर पीयूष समारिया का कहना है कि स्टेट डिपार्टमेंट को लेटर लिखा है और परिजनों को आश्वासन दिया है कि प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा.

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