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दौसा: सड़क सुरक्षा में कमी लाने के लिए पुलिस के जवानों को दी जा रही है ट्रेनिंग - 31वां राष्‍ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह

दौसा में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पुलिस के जवानों को मोबाइल पर ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके चलते दुर्घटना के स्थानों को चिन्हित कर उसके कारणों का पता लगाने में आसानी होगी. साथ ही आगामी समय में होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा.

Police personnel are being given training
दौसा में पुलिस के जवानों को दी जा रही है ट्रेनिंग
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Published : Feb 19, 2021, 6:39 PM IST

दौसा. जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अब पुलिस के जवानों को मोबाइल पर ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके चलते दुर्घटना के स्थानों को चिन्हित कर दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में आसानी होगी. साथ ही आगामी समय में होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा.

दौसा में पुलिस के जवानों को दी जा रही है ट्रेनिंग

बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘केंद्रीय दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली’ की शुरुआत की है. इस प्रणाली की शुरुआत सड़क सुरक्षा में सुधार लाने और सड़क सुरक्षा के संदर्भ में जनसामान्य और विशेष रूप से युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे देश में मनाए जा रहे 31वें राष्‍ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान की गई. इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास ने सड़क दुर्घटनाओं का एकीकृत डेटा बेस’ (Integrated Road Accident Database- IRAD) नामक एक सूचना प्रौद्योगिकी आधारित डेटाबेस तैयार किया है.

इस प्रणाली को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की ओर से क्रियान्वित किया जाएगा. इसका उद्देश्य हैं कि IRAD न केवल सड़क सुरक्षा के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय उदाहरणों पर आधारित विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगा. बल्कि संबंधित राजमार्ग प्राधिकरणों के माध्‍यम से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधारात्‍मक उपाय करने में भी सहायता करेगा. इससे राज्य और केंद्र सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारियों को समझने और सड़क दुर्घटनाओं के मूल कारणों का विश्लेषण करने व दुर्घटनाओं को कम करने के लिए डेटा-आधारित सड़क सुरक्षा उपायों को विकसित लागू करने में सक्षम होंगे.

पढ़ें: निजीकरण के विरोध में जयपुर में बैंक कर्मियों का प्रदर्शन, 15 और 16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी

साथ ही IRAD एक व्यापक वेब-आधारित आईटी समाधान होगा जो पुलिस, लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसी विभिन्‍न एजेंसियों को जांच संबंधी, सड़क इंजीनियरिंग, वाहन स्थिति और सड़क दुर्घटनाओं के विवरण को साझा करने में सक्षम बनाएगा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल चौहान ने बताया कि यह प्रणाली पहले छह राज्‍यों-कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में प्रारंभ की गई. क्‍योंकि इन राज्‍यों में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्‍या सर्वाधिक है. इसके लिए दौसा पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

एनआईसी की ओर से यह ट्रेनिंग ऑनलाइन आयोजित करवाई जा रही है. जिसमें पुलिस के जवानों को दुर्घटनाओं के संबंध में पूरी डेटाबेस जानकारी जुटाकर घटनास्थल पर दुर्घटना होने के कारण वह आगामी समय में दुर्घटना ना हो. इसके लिए पूरी जानकारी जुटाने में सक्षम बनाएगा. वह जानकारी को आगे भी फॉरवर्ड करेगा. जिससे कि दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके.

दौसा. जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अब पुलिस के जवानों को मोबाइल पर ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके चलते दुर्घटना के स्थानों को चिन्हित कर दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में आसानी होगी. साथ ही आगामी समय में होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा.

दौसा में पुलिस के जवानों को दी जा रही है ट्रेनिंग

बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘केंद्रीय दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली’ की शुरुआत की है. इस प्रणाली की शुरुआत सड़क सुरक्षा में सुधार लाने और सड़क सुरक्षा के संदर्भ में जनसामान्य और विशेष रूप से युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए पूरे देश में मनाए जा रहे 31वें राष्‍ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान की गई. इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास ने सड़क दुर्घटनाओं का एकीकृत डेटा बेस’ (Integrated Road Accident Database- IRAD) नामक एक सूचना प्रौद्योगिकी आधारित डेटाबेस तैयार किया है.

इस प्रणाली को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की ओर से क्रियान्वित किया जाएगा. इसका उद्देश्य हैं कि IRAD न केवल सड़क सुरक्षा के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय उदाहरणों पर आधारित विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगा. बल्कि संबंधित राजमार्ग प्राधिकरणों के माध्‍यम से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुधारात्‍मक उपाय करने में भी सहायता करेगा. इससे राज्य और केंद्र सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारियों को समझने और सड़क दुर्घटनाओं के मूल कारणों का विश्लेषण करने व दुर्घटनाओं को कम करने के लिए डेटा-आधारित सड़क सुरक्षा उपायों को विकसित लागू करने में सक्षम होंगे.

पढ़ें: निजीकरण के विरोध में जयपुर में बैंक कर्मियों का प्रदर्शन, 15 और 16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी

साथ ही IRAD एक व्यापक वेब-आधारित आईटी समाधान होगा जो पुलिस, लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसी विभिन्‍न एजेंसियों को जांच संबंधी, सड़क इंजीनियरिंग, वाहन स्थिति और सड़क दुर्घटनाओं के विवरण को साझा करने में सक्षम बनाएगा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल चौहान ने बताया कि यह प्रणाली पहले छह राज्‍यों-कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में प्रारंभ की गई. क्‍योंकि इन राज्‍यों में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्‍या सर्वाधिक है. इसके लिए दौसा पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

एनआईसी की ओर से यह ट्रेनिंग ऑनलाइन आयोजित करवाई जा रही है. जिसमें पुलिस के जवानों को दुर्घटनाओं के संबंध में पूरी डेटाबेस जानकारी जुटाकर घटनास्थल पर दुर्घटना होने के कारण वह आगामी समय में दुर्घटना ना हो. इसके लिए पूरी जानकारी जुटाने में सक्षम बनाएगा. वह जानकारी को आगे भी फॉरवर्ड करेगा. जिससे कि दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके.

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