दौसा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना बेरोजगार युवाओं और छोटे व्यापारियों के लिए लाई गई. मुद्रा ऋण योजना बैंक प्रबंधको की बेरुखी के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है. जिसके चलते अधिकांश शाखा प्रबंधक को से मुद्रा ऋण देने अधिकार भी बैंक के ऊपर के अधिकारियों ने छीन लिए है.
दरअसल जिले में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना बैंक कर्मियों की बेरुखी के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवा बेरोजगार व छोटे व्यापारियों के व्यापार में आर्थिक सहायता के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना की शुरुआत की थी. जिसमे छोटे व्यापारियों को बिना किसी जमानत व अमानत राशि के 50 हजार से 10 लाख रुपए तक ऋण उपभोक्ताओं को अपने व्यापार वृद्धि के लिए दिया जाता है. हालांकि मुद्रा लोन को लेकर सभी बैंक के बैंक मैनेजर की उदासीनता नजर आ रही है और इसी उदासीनता के चलते प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी मुद्रा लोन योजना दम तोड़ती नजर आ रही है.
मुद्रा लोन को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब बैंक के बैंक प्रबंधक से बात करना चाहिए तो बैंक के प्रबंधक ने मीडिया से बात करने पर साफ मना करते हुए कन्नी काट ली. आखिर केंद्र सरकार की इस योजना पर बैंक प्रबंधक क्यों मीडिया से खुलकर बात करना नहीं चाहते क्यों इसके प्रचार-प्रसार से दूरी बनाए रखना चाहते हैं. इस मुद्रा ऋण योजना को लेकर ईटीवी भारत ने करीब 8 से 10 बैंक के शाखा प्रबंधकों से बात करना चाहिए. जिसमें जिले की मुख्य बैंक एसबीआई, आईसीआई,एक्सिस बैंक, देना बैंक, आंध्र बैंक सहित कई सरकारी व गैर सरकारी बैंकों से बात करने का प्रयास किया. लेकिन सभी बैंक प्रबंधकों ने इस मामले में दूरियां बना पूरे मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा भड़ाना शाखा प्रबंधक किंचित शर्मा ने बताया कि मुद्रा ऋण योजना सरकार की आम लोगों के लिए बहुत अच्छी योजना है. जिसमें बेरोजगार छोटे व्यापारियों के लिए बिना किसी शैक्षणिक योग्यता व किसी जमानत जमानत राशि के लोन दिया जाता है.
हालांकि इस में बैंक की तरफ से किसी प्रकार की कोई छूट उपभोक्ता को नहीं दी जाती. शर्मा ने बताया कि जो भी व्यापारी अपने व्यापार चला रहे हैं वह अपनी व्यापार की बैलेंस शीट व व्यापार संबंधित दस्तावेजों के आधार पर मुद्रा लोन लिया जा सकता है. इंडियन बैंक के मैनेजर कल्पेश मीणा ने बताया कि मुद्रा ऋण योजना सभी बैंक मैनेजर अपने स्तर पर लोगों को मुद्रा ऋण योजना का लोन दिया करते थे, लेकिन अब मुद्रा ऋण योजना का लोन जोनल हेड ने अपने पास ले लिया है. अधिकांश बैंक प्रबंधक के पास मुद्रा ऋण योजना देने के अधिकार नहीं है. इसके चलते भी मुद्रा योजना आम लोगों तक बहुत कम मात्रा में पहुंच पा रही हैं. हालांकि शाखा प्रबंधक कमलेश मीणा ने भी इस योजना पर अधिक बोलने से साफ इंकार कर दिया. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री इस महत्वाकांक्षी योजना पर शाखा प्रबंधक क्यों बात करने से दूर है.