दौसा. जैविक कृषि से कम लागत में कृषि में अधिक मुनाफा व बीमारियों से भी बचा जा सकता है. इसकी शुरुआत 3 वर्ष पहले जिले के सिकराई उपखंड के किसान पंकज मीणा ने की जो कि कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं.
बिना किसी रासायनिक उर्वरक व रासायनिक दवाओं का प्रयोग किए बिना जैविक खेती से उत्पादित फल व सब्जियां अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. इसी मुहिम के साथ जिले के पंकज मीणा ने इस कृषि की शुरुआत की. सिकराय क्षेत्र के किसान पंकज मीणा का कहना है कि जैविक खेती जीरो बजट व नेचुरल फार्मिंग पद्धति पर आधारित है. इसमें बाजार से किसी प्रकार के खाद उर्वरक व जहरीली दवाई खरीदने की आवश्यकता नहीं होती. साथ ही जैविक खेती से हमारे मित्र कीटों में वृद्धि होती है जो कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं. वातावरण शुद्ध होता है जैविक खेती से तैयार उत्पादों को बाजार में अधिक मांग होती है. जो कि अधिक भाव में बिकते जिससे किसान की आय में वृद्धि होती है.
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किसान पंकज मीणा ने क्षेत्र कृषि अधिकारी अशोक मीणा की सहायता से जैविक खेती की शुरुआत की जिसमें कृषि अधिकारी अशोक मीणा ने किसान की मदद करते हुए कृषि विभाग की ओर से परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत किसान पंकज को अनुदान दिलवाकर वर्मिनकंपोस्ट इकाई का निर्माण करवाया. सरकार की ओर से जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसान पंकज मीणा को आत्मा योजना के तहत वर्ष 2017 -18 में जिला स्तर पर 25 हजार नगद व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया.
जैविक खेती की शुरुआत करने वाले किसान पंकज मीणा इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारी है व तकनीकी जानकारी रखने के साथ-साथ खेती में भी उनकी पूरी जानकारी है. जिसके चलते उन्होंने अपने 4 बीघा भूमि में अनार नींबू अमरूद का बगीचा लगा रखा है. जिससे कि वह कम जमीन में अधिक मुनाफे के साथ खेती कर रहे हैं.