दौसा. जिले में नर्सिंग भर्तियों में संविदा नर्सिंग कर्मियों को 2 महीने बाद भर्ती का आश्वासन देकर लटकाने से नाराज कर्मियों ने सोमवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही संविदा नर्सिंग कर्मियों को जल्द नियुक्ति देने की मांग भी की.
नर्सिंग भर्ती 2018 में चयनित संविदा नर्सेज को कार्यमुक्त कर यथास्थान नियुक्ति देने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि नर्सिंग भर्ती 2018 में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति स्थान आवंटित कर सूची जारी कर दी गई थी, इसमें कार्य संविदा नर्सेज कर्मियों को नियुक्ति नहीं दी, जिससे राजस्थान की समस्त संविदा नर्सेज में रोष की स्थिति बनी हुई है.
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राज्य में कोविड-19 के चलते संविदा नर्सेज ने जान की बाजी लगाकर चिकित्सा सेवाएं दी है. विकट परिस्थितियों में राजस्थान सरकार का साथ नहीं छोड़ा, इसके बावजूद भी अब तक संविदा नर्सेज को नियमित नियुक्ति नहीं दी जा रही है. याचिकाकर्ताओं और रिजर्व पदों के समस्त चयनित 12 हजार व्यक्तियों को विधिवत नियुक्ति दी जाए.
नर्सिंग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि सरकार द्वारा नर्सिंग भर्ती 2020 में चयनित अभ्यर्थियों में से संविदा कर्मियों को भर्ती में स्थान देने से वंचित रखते हुए यह कहा गया था कि संविदा कर्मियों को 2 माह बाद चयनित स्थान पर नियुक्ति दी जाएगी. वहीं, वर्तमान हालात में फ्रेशर विद्यार्थियों को नर्सिंग भर्ती में चयनित स्थान पर ज्वाइन करवा दिया गया. ऐसे में सभी नर्सिंग कर्मियों ने सरकार के इस फैसले का भी स्वागत किया और चुपचाप अपने यथा स्थान पर कार्य करते रहे.
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लेकिन राजस्थान सरकार संविदा कर्मियों के साथ धोखा कर रही है. जिसके चलते उनका 3 महीने से भी अधिक का समय निकल जाने के बावजूद भी संविदा कर्मियों को भर्ती में चयनित स्थान पर पोस्टिंग नहीं दिया जा रहा है. इसलिए मुख्यमंत्री चिकित्सा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सभी संविदा कर्मियों को स्थाई पोस्टिंग देने की मांग की है.