दौसा. सरकार ने पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन कर नई ग्राम पंचायत और पंचायत समिति तो बना दी है. लेकिन भूमि का रूपांतकरण न होने से नए भवन के बनने में परेशानी आ रही है. इसके चलते जिले भर में तकरीबन दर्जनों ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जो कि भूमि रूपांतरण न होने से भवन के इंतजार में संचालित नहीं हो पा रहीं हैं. दौसा उपखंड की बात की जाए तो यहां भी तकरीबन आधा दर्जन ग्राम पंचायतें और एक पंचायत समिति भवन न होने से अटकी पड़ी है.
लवाण विकास अधिकारी डॉ. हरकेश मीणा ने बताया कि सरकार ने लवाण पंचायत समिति में पीपल्या और कंवरपुरा में नई ग्राम पंचायत बनाई गई है. वहीं नांगलराजावतान में नांगलराजावतान को पंचायत समिति व ठीकरियां, कालीखाड़ और मानपुरिया को ग्राम पंचायत का दर्जा मिला है. विकास अधिकारी ने बताया कि भवन निर्माण के लिए मौके पर जाकर जमीन देख ली गई है, लेकिन वह चरागाह की भूमि है. इसके चलते इस भूमि को आबादी वाली भूमि में रूपांतकरण करने के लिए उच्चाधिकारियों को फाइलें भेज रखी हैं. लेकिन अभी तक को कोई कार्रवाई न होने से पट्टा जारी नहीं किया जा सका है. ऐसे में इनके भवनों का निर्माण कार्य भी अटका हुआ है.
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विकास अधिकारी ने बताया कि अब नए तरीके से ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण होगा. जिसमें प्रत्येक नए भवनों में पटवार मंडल होने से पटवारी का बैठना भी जरूरी होगा. इसके अलावा कृषि कार्यालय, ई मित्र और मिनी बैंक भी पंचायत परिसर में ही होगा. जिससे ग्रामीणों को भटकना नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के भवन के लिए दस लाख सरकार व दस लाख रुपए मनरेगा के तहत मिलेंगे. ऐसे में बीस लाख रुपए की लागत से पंचायत भवन बनेगा, वहीं पंचायत समिति का नया भवन करीब 3 करोड़ की लागत से बनेगा. लेकिन भूमि रूपांतरण का कार्य नहीं होने से नवगठित ग्राम पंचायत में पंचायत समितियां भवन निर्माण की राह देख रहीं हैं.