करौली. दौसा जिले के लालसोट में महिला डॉक्टर के सुसाइड मामले (Dausa Lady Doctor Suicide Case) में जहां प्रदेशभर के चिकित्सक लामबंद हो गए हैं. वहीं गुरूवार को करौली जिले का ब्राह्मण समाज भी अब सड़क पर उतर आया है. विप्र फाउंडेशन राजस्थान जोन 1-D के प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में मृतका डॉ अर्चना शर्मा के नाम पर राज्य स्तरीय पुरस्कार की घोषणा करने के साथ 6 सूत्रीय मांगों का जिक्र (brahman samaj submit memorandum to karoli collector) किया गया है.
विप्र फाउंडेशन राजस्थान जोन 1-D के प्रदेशाध्यक्ष वेदप्रकाश उपाध्याय उर्फ बन्टू ने बताया कि दौसा के लालसोट कस्बे में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कुछ लोगों ने डॉ अर्चना शर्मा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और उनको आत्महत्या के लिए उकसाया. साथ ही पुलिस ने भी तानाशाही और मनमर्जी का रवैया अपनाकर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था. जिसके कारण डॉक्टर को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा. यह प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए मजबूर करना सभ्य समाज पर कलंक है. उन्होंने बताया कि घटना को लेकर विप्र फाउंडेशन राजस्थान डॉ अर्चना शर्मा को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत है. उन्होंने बताया कि आज जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा गया है.
विप्र फाउंडेशन ने रखी ये मांग: प्रदेशाध्यक्ष वेदप्रकाश ने ज्ञापन में मृतक डॉ अर्चना शर्मा के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है. इसके साथ ही लालसोट थाना में दर्ज मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष सीआईडी जांच करवाने की मांग की है. भविष्य में ऐसी घटनाएं चिकित्सा क्षेत्र और अन्य क्षेत्र में नहीं हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले और चिकित्सक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने, दोषी पुलिस अधिकारियों और अन्य को तत्काल गिरफ्तार करने और मृतक डॉ अर्चना शर्मा के नाम पर राज्य स्तरीय पुरस्कार की घोषणा करने की मांग की है.