दौसा. देशभर में गणतंत्र दिवस समारोह उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. दौसा में जिला स्तरीय कार्यक्रम राजेश पायलट स्टेडियम में हुआ. इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. ममता भूपेश ने ध्वजारोहण किया. इसके बाद मंत्री ममता भूपेश ने परेड का अवलोकन कर मार्च पास्ट की सलामी ली.
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर लोकेश मीणा ने राज्यपाल के संदेश का पठन भी किया. कोविड-19 की गाइडलाइन के चलते कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों ने भाग नहीं लिया. इस समारोह के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश का अन्नदाता सड़कों पर बैठा है. किसान सड़कों पर मर रहे हैं और केंद्र के मोदी सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है.
उन्होंने कहा कि जिन स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से आज हम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि देश में ऐसी मूकदर्शक और निरंकुश सरकार होगी. महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा को जमकर निशाने पर लिया उन्होंने प्रदेश के 25 सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश का जो टैक्स का पैसा केंद्र सरकार के पास है उसे 25 सांसद सरकार से मांग कर वापस लाएं और प्रदेश के विकास में लगाएं.
सिर्फ भाषण देने के लिए नहीं चुना...
महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा को जमकर निशाने पर लिया. उन्होंने प्रदेश के 25 सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश का जो टैक्स का पैसा केंद्र सरकार के पास है, उसे 25 सांसद सरकार से मांग कर वापस लाएं और प्रदेश के विकास में लगाएं. जनता ने उन्हें सिर्फ भाषण देने के लिए नहीं चुना. आज कांग्रेस सरकार इस आर्थिक संकट में भी वैक्सीन फ्री में दे रही है. 60 हजार जांचे फ्री में करवा रही है. ऐसे में केंद्र सरकार अपनी निरंकुशता के चलते प्रदेश के टैक्स के पैसे को भी रोक कर बैठी है.
दौसा विधायक विधायक मुरारी लाल मीणा से मीडिया कर्मियों ने पूछा कि कांग्रेस सरकार एक तरफ तो किसानों की हिमायती बनती नजर आ रही है, दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार ने ही किसानों को बिजली बिल में मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया है. इस मामले पर विधायक नूर आलम टोल करते हुए विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी के चलते सरकार को कुछ इस तरह के फैसले लिए जाने पड़ते हैं, लेकिन यह दोनों ही मामले अलग-अलग है. ऐसे में दोनों मामलों को जोड़ा नहीं जा सकता.