दौसा. एमबीसी आरक्षण का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुर्जर समाज के युवाओं ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर साफ शब्दों में चेतावनी दी. ज्ञापन में कहा है कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुर्जर समाज को दिए गए एमबीसी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करके उसमें अन्य 16 जातियों को शामिल करते हैं तो प्रदेश में अराजकता और कानून व्यवस्था बिगड़ने के लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी.
दौसा में गुर्जर समाज के युवाओं ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर साफ शब्दों में चेतावनी दे दी. इसको लेकर गुरुवार को 12 से अधिक की तादाद में गुर्जर समाज के लोग देवनारायण हॉस्टल पर एकत्रित होकर रैली निकालते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष सुरेंद्र गुर्जर ने कहा कि सरकार की ओर से गुर्जर समाज के साथ द्वेषपूर्ण रवैया अपनाते हुए एमबीसी आरक्षण में 16 अन्य जातियों को शामिल किया जा रहा है.
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इसके साथ ही गुर्जर समाज के छात्रों को मिलने वाली देवनारायण स्कूटी योजना में भी नाम परिवर्तित कर कालीबाई योजना कर दिया गया है. जिसको लेकर सरकार के नाम ज्ञापन दिया गया है. वहीं, युवा गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिंह डोई ने कहा कि सरकार हमेशा गुर्जरों के साथ द्वेषपूर्ण रवैया अपनाती है. उन्होंने गहलोत सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी दी है.
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उन्होंने कहा है कि यदि देवनारायण स्कूटी वितरण योजना के साथ छेड़छाड़ किया जाता है, संवैधानिक समझौते के अनुसार प्रक्रिया के दिन भर्तियों को 4 फिसदी आरक्षण नहीं दिया जाता और एमबीसी आरक्षण में 16 जातियों को शामिल किया जाता है तो प्रदेश में कानून व्यवस्था वापस बिगड़ सकती है. इसके लिए गुर्जर समाज नहीं बल्कि प्रदेश की गहलोत सरकार जिम्मेदार होगी. गुर्जर समाज के अनुसार किसी भी हालत में एमबीसी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे.