दौसा. रविवार शाम को जिले में तेज बारिश देखने को मिली. अचानक बदले मौसम के मिजाज से तापमान में कमी आई है. कई जगह तेज हवाओं के साथ ओले भी गिरे हैं. सर्दी की शुरुआत में हुई इस बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. रबी की फसल की बुवाई अभी हुई है जिसके लिए यह बारिश काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है.
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दौसा जिला मुख्यालय पर जहां बैर के आकार के ओले गिरे तो वहीं जिले के अन्य इलाकों में भी ओलावृष्टि व बारिश देखने को मिली. गोवर्धन पूजा के दिन बारिश को शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि अगर गोवर्धन पूजा के दिन बारिश होती है तो आने वाला साल काफी अच्छा गुजरता है. पिछले काफी दिनों से किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे. किसानों ने चना, गेहूं, सरसों और जौ फसल की बुवाई की हुई है.
हालांकि जहां ओले गिरे हैं वहां फसल को कुछ नुकसान हुआ है. लेकिन जो लोग अभी फसल बुवाई करने वाले हैं या पलावा आदि कर रहे हैं उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है. बता दें कि दौसा जिला डार्क जोन जिला है और यहां अधिकतर इलाकों में भूजल की कमी है. ऐसे में जिले के किसानों को खेती के लिए बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है.
भीलवाड़ा में भी हुई बारिश
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में गोवर्धन पूजा के दिन इंद्रदेव मेहरबान नजर आए. दोपहर में अचानक मौसम में परिवर्तन देखने को मिला. आसींद व हुरडा क्षेत्र के 2 दर्जन से ज्यादा गांव में दोपहर को लगभग 15 मिनट तक कहीं मूसलाधार तो कहीं रिमझिम बारिश हुई. गोवर्धन पूजा के दिन हुई इस बारिश के बाद से किसानों के चेहरे पर खुशी है. किसान इसे एक शुभ संकेत मान रहे हैं.