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दौसा में खाद की हो रही है ब्लैक मार्केटिंग, किसानों को लूट रहे हैं खाद-बीज विक्रेता

कृषि विभाग की लापरवाही के चलते दौसा में खाद बीज विक्रेता अपनी मनमर्जी से किसानों को लूट रहे हैं. जहां निश्चित मूल्य से अधिक दामों में किसानों को खाद बेचा जा रहा है.

blackmarting of urea
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Published : Jul 29, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 3:18 PM IST

दौसा. कृषि विभाग की लापरवाही के चलते जिले में खाद बीज विक्रेता अपनी मनमर्जी से किसानों को लूट रहे हैं. जिले के खाद बीज विक्रेता किसानों को निश्चित मूल्य से अधिक दामों में खाद बेच रहे हैं. जिला मुख्यालय पर खाद की खरीदी करने आए किसान व राहुल रूप सिंह का कहना है कि खाद बीज विक्रेता उनसे मनमर्जी के दाम वसूलते हैं. ऐसे में कृषि विभाग भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

दौसा में खाद की हो रही है ब्लैकमेलिंग

जहां खाद के एक बैग पर लिखित मूल्य 266.50 रुपए है, उस बैक के दुकानदार 280 से लेकर 340 रुपए तक वसूल कर रहे हैं. ऐसे में किसान की मजबूरी है कि अधिक दामों में खाद खरीदना. जिसके चलते किसान खुद को ठगा सा महसूस करता है.

पढ़ें: हाड़ौती में सबसे ज्यादा बोई जाती है सोयाबीन...इसके अलावा इन फसलों की भी होती है खेती

मामले को लेकर कृषि विभाग के सहायक निदेशक अनिल शर्मा का कहना है कि जिले में खाद की कहीं भी कोई कमी नहीं है. पर्याप्त मात्रा में कोऑपरेटिव एवं प्राइवेट सेक्टर में खाद उपलब्ध है लेकिन कुछ चुनिंदा ब्रांडो को लेकर किसान डिमांड करता है. इसके चलते दर को लेकर कुछ शिकायतें मिलती हैं. जिसको लेकर उन्होंने पूर्व में भी जिले के सिकराय में एक खाद बीज विक्रेता का लाइसेंस निरस्त कर उसके खिलाफ कार्रवाई की थी.

पढ़ें: झालावाड़ में किसानों को नहीं पता कि कृषि विभाग भी बीज वितरित करता है !

शर्मा का कहना है कि इस तरह की किसी भी शिकायत पर खाद बीज उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 तहत कार्रवाई की जाएगी. जो भी किसानों की शिकायत आएगी उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में कोऑपरेटिव व प्राइवेट सेक्टर में यूरिया खाद उपलब्ध है एवं सभी यूरिया खाद में 46% नाइट्रोजन हैं. ऐसे में किसान किसी पर्टिकुलर ब्रांड के पीछे ना रहे. जिससे दुकानदारों को उसकी दर में बढ़ोतरी करने का मौका मिले.

दौसा. कृषि विभाग की लापरवाही के चलते जिले में खाद बीज विक्रेता अपनी मनमर्जी से किसानों को लूट रहे हैं. जिले के खाद बीज विक्रेता किसानों को निश्चित मूल्य से अधिक दामों में खाद बेच रहे हैं. जिला मुख्यालय पर खाद की खरीदी करने आए किसान व राहुल रूप सिंह का कहना है कि खाद बीज विक्रेता उनसे मनमर्जी के दाम वसूलते हैं. ऐसे में कृषि विभाग भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

दौसा में खाद की हो रही है ब्लैकमेलिंग

जहां खाद के एक बैग पर लिखित मूल्य 266.50 रुपए है, उस बैक के दुकानदार 280 से लेकर 340 रुपए तक वसूल कर रहे हैं. ऐसे में किसान की मजबूरी है कि अधिक दामों में खाद खरीदना. जिसके चलते किसान खुद को ठगा सा महसूस करता है.

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मामले को लेकर कृषि विभाग के सहायक निदेशक अनिल शर्मा का कहना है कि जिले में खाद की कहीं भी कोई कमी नहीं है. पर्याप्त मात्रा में कोऑपरेटिव एवं प्राइवेट सेक्टर में खाद उपलब्ध है लेकिन कुछ चुनिंदा ब्रांडो को लेकर किसान डिमांड करता है. इसके चलते दर को लेकर कुछ शिकायतें मिलती हैं. जिसको लेकर उन्होंने पूर्व में भी जिले के सिकराय में एक खाद बीज विक्रेता का लाइसेंस निरस्त कर उसके खिलाफ कार्रवाई की थी.

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शर्मा का कहना है कि इस तरह की किसी भी शिकायत पर खाद बीज उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 तहत कार्रवाई की जाएगी. जो भी किसानों की शिकायत आएगी उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में कोऑपरेटिव व प्राइवेट सेक्टर में यूरिया खाद उपलब्ध है एवं सभी यूरिया खाद में 46% नाइट्रोजन हैं. ऐसे में किसान किसी पर्टिकुलर ब्रांड के पीछे ना रहे. जिससे दुकानदारों को उसकी दर में बढ़ोतरी करने का मौका मिले.

Intro:कृषि विभाग की लापरवाही के चलते जिले में खाद बीज विक्रेता अपनी मनमर्जी से किसानों को लूट रहे हैं । जहां निश्चित मूल्य से अधिक दामों में किसानों को खाद बेचा जा रहा है।


Body:दौसा कृषि विभाग की लापरवाही के चलते जिले में खाद बीज विक्रेता अपनी मनमर्जी से किसानों को लूट रहे हैं । जिले के खाद बीज विक्रेता किसानों को निश्चित मूल्य से अधिक दामों में खाद बेच रहे हैं । जिला मुख्यालय पर खाद की खरीदी करने आए किसान व राहुल रूप सिंह का कहना है कि खाद बीज विक्रेता उनसे मनमर्जी के दाम वसूलते हैं । ऐसे में कृषि विभाग भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा । जहां खाद के एक बैग पर लिखित मूल्य ₹266.50 पैसे है । उस बैक के दुकानदार 280 से लेकर ₹340 तक वसूल कर रहे हैं । ऐसे में किसान की मजबूरी है कि अधिक दामों में खाद खरीदना । जिसके चलते किसान खुद को ठगा सा महसूस करता है । मामले को लेकर कृषि विभाग के सहायक निदेशक अनिल शर्मा का कहना है कि जिले में खाद की कहीं भी कोई कमी नहीं है । पर्याप्त मात्रा में कोऑपरेटिव एवं प्राइवेट सेक्टर में खाद उपलब्ध है । लेकिन कुछ चुनिंदा ब्रांडो को लेकर किसान डिमांड करता है । इसके चलते दर को लेकर कुछ शिकायतें मिलती है । जिसको लेकर उन्होंने पूर्व में भी जिले के सिकराय में एक खाद बीज विक्रेता का लाइसेंस निरस्त कर उसके खिलाफ कार्रवाई की थी । शर्मा का कहना है कि इस तरह की किसी भी शिकायत पर खाद बीज उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 तहत कार्रवाई की जाएगी। जो भी किसानों की शिकायत आएगी उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में कोऑपरेटिव व प्राइवेट सेक्टर में यूरिया खाद उपलब्ध है एवं सभी यूरिया खाद में 46% नाइट्रोजन हैं । ऐसे में किसान किसी पर्टिकुलर ब्रांड के पीछे ना रहे । जिससे दुकानदारों को उसकी दर में बढ़ोतरी करने का मौका मिले ।
बाईट - राहुल, रूपसिंह किसान
बाईट- अनिल शर्मा सहायक निदेशक कृषि


Conclusion:
Last Updated : Jul 30, 2019, 3:18 PM IST
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