दौसा. मेहंदीपुर बालाजी सात पहाड़ पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सावन के पांचवें और आखिरी सोमवार को रक्षाबंधन के दिन हर हर महादेव और शिव शंभू के जयकारों से गूंज उठा. सुबह प्राचीन सात पहाड़ शिव मंदिर पर भक्तों ने जलाभिषेक के लिए नकले. इस बीच बारिश बरसने लगी, लेकिन भक्तों की आस्था डिगी नहीं और भक्तों ने भी भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए बारिश के रुकने का इंतजार नहीं किया.
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भक्तों की आस्था को देखते हुए यही लगता है कि बारिश पर आस्था भारी पड़ी. इस दौरान बड़े ही नहीं बच्चे भी भोलेनाथ के द्वार पर बारिश में भीगते हुए पहाड़ियों से चलते शिव मंदिर पहुंचे. यहां मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए शिवलिंग पर भक्तों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ भगवान भोलेनाथ का दूध, दही, जल, पांच अनाजों से, गौव्रत, पंचगव्य से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया. साथ ही आराध्य को बेलपत्र चढ़ाकर राखियां बांधी और अपने-अपने परिवार में सुख समृद्धि की कामना की.
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भगवान शिव से कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना की. शिव भक्त भोलेनाथ की भजनों पर भावविभोर होकर झूमने पर मजबूर हो गए हैं. यू तो भगवान भोलेनाथ की वर्षभर पूजा की जाती है, लेकिन सावन मास में शिव भक्तों के द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का शिवालयों में एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. इस बार एक दुर्लभ संयोग बना है कि सावन के आखरी में सोमवार पड़ा है. इस बार सावन में पांच सोमवार रक्षाबंधन और पूर्णमासी का दुर्लभ संयोग बना है. इस दुर्लभ संयोग का भक्तों ने भरपूर लाभ उठाया और भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना किया.