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दौसा जेल से बंदी फरार, जेल प्रशासन के हाथ पांव फूले

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Published : Nov 18, 2020, 9:47 AM IST

दौसा जिला जेल से एक हत्या के आरोपी बंदी फरार हो गया है. इसकी सूचना पर जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. बंदी के फरार होने की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. वहीं, बंदी की तलाश जारी है.

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दौसा जेल से बंदी फरार

दौसा. जिला कारागृह के बंदी खुला शिविर से सोमवार रात एक बंदी फरार हो गया. घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया तो जेलर सहित अन्य कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए. जेल उपाधीक्षक ने इस मामले को लेकर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया.

जेल उपाधीक्षक रोहित कौशिक ने बताया कि हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी शिवचरण बैरवा श्यालयावास जेल से 22 अगस्त को स्थानांतरित होकर दौसा जेल में आया था. वह दौसा जेल के खुले शिविर में अपनी बाकी की सजा काट रहा था. खुल्ले शिविर में शामिल 5 बंदियों को सोमवार शाम नियम अनुसार हाजिरी दर्ज कर अपने-अपने आवास गृह में भेज दिया गया. मंगलवार सुबह जब फिर से हाजिरी की गई तो चार बंदी तो आ गए, लेकिन एक बंदी शिवचरण नहीं आया.

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इस पर जेल प्रशासन ने चारों से पूछताछ की लेकिन उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की उसके बाद ही पूरे जेल परिसर में बंदी शिव चरण बैरवा की तलाश की गई लेकिन उसका पता नहीं लगा. ऐसे में बंदी के फरार होने की रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज करवाई गई. सूचना मिलते ही पुलिस बंदी की तलाश में जुट गई.

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जेलर अधिकारियों के अनुसार खुल्ले शिविर में रखे जाने वाले बंदी दिन में कानून के दायरे में जीविकोपार्जन के लिए रोजगार करने जाते हैं. सुबह शाम को उनकी हाजिरी होती है तथा जेल परिसर में बने आवासों में सोते हैं, बंदियों को यह सुविधा उनके अच्छे आचरण रहन-सहन के तरीके को देखने के बाद मिलती है, इसका निर्धारण भी महानिदेशालय द्वारा ही किया जाता है.

दौसा. जिला कारागृह के बंदी खुला शिविर से सोमवार रात एक बंदी फरार हो गया. घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया तो जेलर सहित अन्य कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए. जेल उपाधीक्षक ने इस मामले को लेकर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया.

जेल उपाधीक्षक रोहित कौशिक ने बताया कि हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी शिवचरण बैरवा श्यालयावास जेल से 22 अगस्त को स्थानांतरित होकर दौसा जेल में आया था. वह दौसा जेल के खुले शिविर में अपनी बाकी की सजा काट रहा था. खुल्ले शिविर में शामिल 5 बंदियों को सोमवार शाम नियम अनुसार हाजिरी दर्ज कर अपने-अपने आवास गृह में भेज दिया गया. मंगलवार सुबह जब फिर से हाजिरी की गई तो चार बंदी तो आ गए, लेकिन एक बंदी शिवचरण नहीं आया.

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इस पर जेल प्रशासन ने चारों से पूछताछ की लेकिन उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की उसके बाद ही पूरे जेल परिसर में बंदी शिव चरण बैरवा की तलाश की गई लेकिन उसका पता नहीं लगा. ऐसे में बंदी के फरार होने की रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज करवाई गई. सूचना मिलते ही पुलिस बंदी की तलाश में जुट गई.

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जेलर अधिकारियों के अनुसार खुल्ले शिविर में रखे जाने वाले बंदी दिन में कानून के दायरे में जीविकोपार्जन के लिए रोजगार करने जाते हैं. सुबह शाम को उनकी हाजिरी होती है तथा जेल परिसर में बने आवासों में सोते हैं, बंदियों को यह सुविधा उनके अच्छे आचरण रहन-सहन के तरीके को देखने के बाद मिलती है, इसका निर्धारण भी महानिदेशालय द्वारा ही किया जाता है.

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